बिहार में टूटे ट्रैक पर दौड़ती रहीं ट्रेनें, 10 घंटे तक यात्रियों की जान से खिलवाड़

टूटी पटरी की जानकारी के बावजूद अगर रेलवे उसपर 10 घंटे तक ट्रेनों का परिचालन करता रहे तो इसे आप क्‍या कहेंगे? ऐसा ही हुआ है बिहार में। जानिए मामला।

By Amit AlokEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 09:24 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 10:06 PM (IST)
बिहार में टूटे ट्रैक पर दौड़ती रहीं ट्रेनें, 10 घंटे तक यात्रियों की जान से खिलवाड़
बिहार में टूटे ट्रैक पर दौड़ती रहीं ट्रेनें, 10 घंटे तक यात्रियों की जान से खिलवाड़

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। हाजीपुर रेलमार्ग पर रामदयालुनगर-मुजफ्फरपुर के बीच खबड़ा रेलवे गुमटी के समीप टूटी पटरी पर सवारी ट्रेन दौड़ीं। घटना सोमवार सुबह की है। गनीमत रही कि ट्रेन की गति कम रहने से बड़ा हादसा टल गया। बावजूद इसके रेल कर्मियों की लापरवाही जारी रही और पटरी मरम्मत के लिए ब्लॉक न देकर अल सुबह चार बजे से दोपहर दो बजे तक टूटी पटरी पर ही आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों को चलाया। कंट्रोल ने भी सूचना मिलने के बाद तेजी नहीं दिखाई। हालांकि, इस दौरान ट्रेनों की गति सीमित रखी गई, फिर भी खतरा बरकरार था।

सोमवार की सुबह टूटी पटरी पर सवारी ट्रेन निकलने के बाद ट्रैक लाल होने से सिग्नल फेल हो गया। जांच में पटरी के टूटने की जानकारी हुई। कंट्रोल को सूचना दी गई। इसके बाद सिग्नल विभाग के अधिकारियों ने कंट्रोल व अन्य अधिकारी से मरम्मत कार्य के लिए ब्लॉक देने की डिमांड की। लेकिन, नहीं मिला।

मरम्मत के लिए बैठे रहे कर्मी

इधर, पटरी टूटने और सिग्नल में खराबी के कारण रामदयालुनगर स्टेशन पर लखनऊ-बरौनी, गोंदिया एक्सप्रेस व सवारी ट्रेनें 30 से 40 मिनट तक रुकी रहीं। बाद में रूट पर बढ़ते दबाव को देखते हुए टूटी पटरी पर ही लोको पायलट को कासन देकर 10 किमी की रफ्तार से ट्रेेनों को पास कराया गया। जबकि, सूचना मिलने पर पहुंचे कर्मी ब्लॉक नहीं मिलने से सुबह चार बजे से दोपहर दो बजे तक बैठे रहे। उन्होंने कहा कि पटरी टूटने की सूचना दी गई। इसे ठीक करने के लिए ब्लॉक की डिमांड की गई, लेकिन नहीं मिला। दो बजे के बाद काफी मशक्कत पर ब्लॉक मिला, तब जाकर मरम्मत कार्य पूरा हुआ।

chat bot
आपका साथी