नियम की अवहेलना कर विवि कार्यालय से बाहर जाता है टीआर Muzaffarpur News

गिरफ्तार बिचौलिए से बरामद टीआर का मामला। टीआर में टेंपरिंग के मामले में एक कर्मी व पांच प्राध्यापक पर कार्रवाई से भी विवि ने नहींं लिया सबक।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 08:40 AM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 08:40 AM (IST)
नियम की अवहेलना कर विवि कार्यालय से बाहर जाता है टीआर Muzaffarpur News
नियम की अवहेलना कर विवि कार्यालय से बाहर जाता है टीआर Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में नियम की अवहेलना एक बार फिर हुई। विवि के बाहर विभाग में टेबुलेशन रजिस्टर (टीआर) ले जाकर स्पेशल टेबुलेटर मॉनीटरिंग करते हैं। विवि प्रशासन की ये लापरवाही सवालों के घेरे में है। इससे एक बार फिर टीआर में टेंपङ्क्षरग की घटना हो सकती है। शनिवार को दीपक कुमार नामक बिचौलिए से बरामद टीआर ने व्यवस्था की खामियों को उजागर किया है। 

 नियम है कि विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर टीआर नहीं जाना चाहिए। लेकिन, विवि में इस नियम का पालन नहीं होता है। इसके कारण ही पिछले साल स्नातक पार्ट टू में टीआर टेंपङ्क्षरग की घटना हुई। इसमें प्राथमिकी दर्ज हुई थी। विवि कर्मी रंजन कुमार का निलंबन अभी तक वापस नहीं हुआ। वहीं, पांच प्राध्यापक भी लपेटे में हैं।

 शनिवार को टीआर विवि के बाहर जाने के मामले में स्नातक पार्ट टू देख रहे रामकुमार का कहना है कि उन्होंने मुकेश के हाथ से इसे सुशील कुमार सिंह के विभाग में भिजवाया था। अब यह वहां से किसी बिचौलिए के हाथ में कैसे आया? ये वह नहीं जानते हैं। उनका कहना है कि परीक्षा नियंत्रक ने मौखिक तलब किया था। उनको सारी स्थिति बता दी है। स्पष्टीकरण मांगने पर लिखित जवाब देंगे।

 सवाल विवि की व्यवस्थागत खामियों पर है। स्नातकोत्तर जीव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह के पास से बिना टीआर रिसीव कराए मुकेश चले आए। अगर ऐसा नहीं तो बिचौलिए के पास से यह कैसे बरामद हुआ। विभाग पूर्व की घटनाओं से सबक नहीं लेता है। ताजा मामला इस बात का सबूत है।

इस बारे में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि संदिग्ध व्यक्ति के पास से टीआर बरामद होने के मामले में सघन जांच होगी। नियमों के अनुरूप आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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