विदेशों में बिखेर रहीं भारतीय संस्कृति की महक

मुजफ्फरपुर की बेटी रंजना सरकार विदेशों में भारतीय संस्कृति की महक बिखेर रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Mar 2018 11:46 AM (IST) Updated:Wed, 21 Mar 2018 11:46 AM (IST)
विदेशों में बिखेर रहीं भारतीय संस्कृति की महक
विदेशों में बिखेर रहीं भारतीय संस्कृति की महक

मुजफ्फरपुर। मुजफ्फरपुर की बेटी रंजना सरकार विदेशों में भारतीय संस्कृति की महक बिखेर रही हैं। मुजफ्फरपुर की अंतरराष्ट्रीय पहचान व कत्थक सम्राट बिरजू महाराज की शिष्या रंजना निरंतर भारतीय संस्कृति के पोषण में लगी हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली सरल स्वभाव की रंजना का नृत्य के प्रति बाल्यावस्था से रूझान रहा है। नृत्य साधना को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। रंजना स्वीकार करती हैं कि संघर्ष के बीच कुंदन बनने का जुनून ही शायद मुझे इस मंजिल तक पहुंचाया, जिसपर परिवार वालों को भरोसा नहीं था। शहर के चैपमैन स्कूल से मैट्रिक, एमडीडीएम कॉलेज से स्नातक एवं बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से पीएसडी की उपाधि हासिल करने वाली रंजना ने नृत्य की प्रारंभिक शिक्षा शहर से शुरू की। कत्थक की बारीकियों को कई गुरुं से सीखे। बिरेंद्र कुमार वर्मा, नागेंद्र मोहिनी, ओम प्रकाश मिश्रा, वंदना सेन उसकी राह के सारथी बने।

देश-विदेश में स्थापित की भारतीय संस्कृति की पहचान : रंजना सरकार को देश ही नहीं बल्कि, विदेशों में अपनी प्रतिभा को मुकाम देने का मौका मिला। कत्थक सम्राट व अपने गुरु के सानिध्य में रंजना को झांसी महोत्सव, कत्थक महोत्सव (दिल्ली), नाट्यांजलि महोत्सव (चेन्नई), सुर-श्रुंगार सम्मेलन (मुम्बई) में कला प्रदर्शन का मौका मिला। इन मंचों पर मिली वाहवाही ने उसे विदेशों की राह दिखाई। फिर क्या था रंजना ने इंडोनेशिया, फ्रांस, मारीशस, मलेशिया, उजबेकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, सिंगापुर आदि देशों में न सिर्फ अपनी कला प्रतिभा का प्रदर्शन किया बल्कि, अपने नृत्य के माध्यम से भारतीय संस्कृति को महसूस कराया। उन्हें जेसिस क्लब अवार्ड, श्रृंगार मणि अवार्ड, फेलोशिप अवार्ड, भारतेंदु सम्मान, संचेतन सम्मान, नवयुवक क्लब सम्मान जैसे कई पुरस्कार मिले। बिहार शताब्दी दिवस पर पटना में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उन्हें सम्मानित किया।

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