मुहर्रम पर शियाओं ने किया मातम, सुन्नियों ने निकाला अखाड़ा जुलूस Muzaffarpur News
दस मुहर्रम यानी यौम-ए-आशूरा के मौके पर शिया समुदाय ने मातम जुलूस निकाल कर ब्लेड जंजीर चाकू व तलवार से अपने जिस्म को लहूलुहान किया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। करबला की जंग में इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों की शहादत को शिया-सुन्नी समुदाय ने याद किया। शहादत को सलाम किया। दस मुहर्रम यानी यौम-ए-आशूरा के मौके पर शिया समुदाय ने मातम जुलूस निकाल कर ब्लेड, जंजीर, चाकू व तलवार से अपने जिस्म को लहूलुहान किया। समुदाय के लोगों ने जगह-जगह से मातमी जुलूस निकाला। इस दौरान या हुसैन-या हुसैन की सदा ने आंखों को नम कर दिया। वहीं सुन्नी समुदाय ने अखाड़ा जुलूस निकाल कर शहादत को याद किया। इस दौरान 'कत्ले हुसैन असल में मर गए यजीद है, इस्लाम जिंदा होता है हर करबला के बाद... गूंजा।