मुजफ्फरपुर में अतिक्रमणकारी रोक रहे नालों का बहाव, प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से परेशानी और बढ़ी

इस शहर में नालों पर लोगों ने कर लिया है स्थायी निर्माण नहीं हो पाती उड़ाही बारिश में डूब जाता है शहर। अतिक्रमण हटाने के नाम पर चलता है कागजी अभियान कानूनी कार्रवाई नहीं होने से हौसले बुलंद।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Sep 2020 02:25 PM (IST) Updated:Mon, 21 Sep 2020 02:25 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में अतिक्रमणकारी रोक रहे नालों का बहाव, प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई नहीं होने से परेशानी और बढ़ी
शहर में कई जगहों पर लोगों ने नाला के ऊपर अपनी दुकानें व पक्का मकान बना लिया है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अतिक्रमणकारियों ने शहर के अधिकांश नालों के बहाव को अवरुद्ध कर दिया है। किसी ने नाला के ऊपर अपनी दुकानें सजा रखी हैं तो किसी ने पक्का मकान बना लिया है। कुछ लोगों ने तो नाला को भरकर रास्ता बना लिया है। नाला का बहाव अवरुद्ध होने से बारिश का पानी हो या लोगों के घरों से निकलने वाला गंदा पानी शहर से बाहर नहीं निकल पाता। शहरवासी हर साल बारिश के पानी में डूब जाते हैं। इस साल भी लोगों को जलजमाव की पीड़ा झेलनी पड़ी। 

नाला की जमीन पर बना लिया मकान

शहर के पूर्वी भाग का पानी कमरा मोहल्ला स्लूस गेट से निकलता है लेकिन दुर्गा स्थान से लेकर स्लूस गेट तक नाला के जमीन को भरकर लोगों ने मकान बना लिया है। इससे शहर के पूर्वी भाग स्थित आधा दर्जन वार्डो को जलजमाव की पीड़ा झेलनी पड़ रही है। निगम के वार्ड जमादार एवं वार्ड पार्षद की शिकायत के बाद भी प्रशासन नाला अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं कर पा रहा। इससे अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। कभी कभार अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान शुरू किया जाता है लेकिन महज औपचारिकता बनकर रह जाता है और मुकाम तक नहीं पहुंचता।

नाला पर पक्का निर्माण से नहीं हो पाती उड़ाही

लोग अपने मकान एवं दुकान के सामने नाला पर पक्का निर्माण कर लेते हैं। नाला के ढक्कन को ढाल कर टाइल्स बिछा देते हैं। वहीं कुछ लोगों ने नाले के ऊपर चाय-पान की दुकानें लगा ली है। इससे निगम नाला की उड़ाही नहीं कर पाता। निगम के सफाईकर्मी जब नाला को खोलने जाते हैं तो अतिक्रमणकारी उनसे उलझ जाते हैं और उड़ाही नहीं हो पाती। स्टेशन रोड नाला की उड़ाही सालों से नहीं हो पाई है क्योंकि नाला के ऊपर दुकानें बनी हुईं हैं और वे हटाने को तैयार नहीं। फरदो नाला की उड़ाही के लिए दोनों तरफ पांच फीट जमीन छोड़ी गई थी। लोगों ने उस जमीन पर मकान बना लिया। इसके कारण फरदो नाला की कभी पूरी तरह से उड़ाही नहीं हो पाई। नियमित उड़ाही नहीं होने के कारण स्टेशन रोड में सालों भर पानी लगा रहता है। कमोवेश शहर के अधिकांश नालों की यही स्थिति है।

नाला को अतिक्रमणकारियों ने समाप्त कर दिया

पार्षद, वार्ड 21 केपी पप्पू ने कहा कि बालूघाट में नाला की जमीन पर मकान बना लिया गया। वे लगातार शिकायत करते रहे। लेकिन न निगम प्रशासन ने संज्ञान लिया ओर न ही जिला प्रशासन ने। इसका खामियाजा आधा दर्जन वार्ड के हजारों लोगों को भुगतना पड़ा।

पार्षद, वार्ड 23 राकेश कुमार पप्पू ने कहा कि कल्याणी से गरीब स्थान तक मुख्य नाला को अतिक्रमणकारियों ने समाप्त कर दिया। इसकी शिकायत की जाती रही लेकिन किसी ने भी इसे रोकने का प्रयास नहीं किया। इससे यह निकला की नाला पूरी तरह से बंद हो गया। महापौर सुरेश कुमार ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कई अवैध निर्माण को हटाकर नाला की उड़ाही की गई है। किसी को भी नाला पर पक्का निर्माण की छूट नहीं होगी। नाला पर अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलने का जिम्मा अंचल निरीक्षकों को दिया गया है।  

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