कोरोना संक्रमण से बुजुर्गों को बचाने के लिए इन पांच बातों का रखें ख्याल
कोई वरीय नागरिक संक्रमित हो जाता है तो होम आइसोलेशन में सही देखभाल से ही उन्हें ठीक किया जा सकता है लेकिन कुछ मामलों में स्थिति गंभीर होती है। कोरोना फेफड़े गुर्दे हृदय और यहां तक की मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण से बुजुर्गों को बचाना बहुत ही जरूरी है। उनकी देखभाल पर ध्यान देने की जरूरत है। सदर अस्पताल के मेडिसीन विशेषज्ञ डा.नवीन कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है। वरीय नागरिकों में कोविड संक्रमण हल्के होते हैं और इसे ठीक होने में दो से तीन सप्ताह लग जाता है। अगर कोई वरीय नागरिक संक्रमित हो जाता है तो होम आइसोलेशन में सही देखभाल से ही उन्हें ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में स्थिति गंभीर होती है। कोरोना फेफड़े, गुर्दे, हृदय और यहां तक की मस्तिष्क जैसे महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे रोगियों को इन जटिलताओं के प्रबंधन के लिए गहन देखभाल, आक्सीजन, वेंटीलेटर और अन्य उपचारों की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए जब वरीय नागरिक को कोरोना का संक्रमण हो तो उनकी देखभाल में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। वरीय नागरिक को समय पर भोजन, दवा, सुबह-शाम गर्म पानी का सेवन कराते रहें।
इन बातों का रखें ख्याल
-अपनी बीमारी से संबंधित दवा समय पर लेते रहें।
-डायबिटीज हो या ब्लड प्रेशर, इन पर नियंत्रण रखें।
-इस समय मार्निंग वाक जाने से बचें, संक्रमण और सर्दी दोनों का खतरा है।
-ब्लड प्रेशर के मरीजों को घर पर बैठे रहने से बेहतर है कि कमरे के अंदर योगा, प्राणायाम करें।
- सर्दी से बचने के लिए गर्म कपड़ों से शरीर को ढक कर रखें। बिना खास जरूरत के बाहर न निकलें, मास्क का उपयोग करें।
अब बच्चे घर में ही जोर-जोर से पढऩे का करेंगे अभ्यास
मुजफ्फरपुर : कोरोना संक्रमण फैलने से पहले बच्चों के लिए 100 दिन का पठन अभियान शुरू किया गया था। संक्रमण तेजी से फैलने के कारण स्कूलों को बंद कर दिया गया। बच्चे अब घर में बैठ कर बोर नहीं हों और पढ़ाई जारी रखें, इसके निर्देश दिए गए गए हैं। गुरुवार को राज्य परियोजना निदेशक श्रीकांत शास्त्री ने इसे लेकर मुजफ्फरपुर सहित सभी डीईओ, डीपीओ के साथ वीडियो कांफ्रेंङ्क्षसग से बैठक और पठन अभियान चालू रखने को कहा। स्कूल के शिक्षक बच्चों के अभिभावकों को बताएंगे कि बच्चे किस तरह घर में जोर-जोर से पढऩे का अभ्यास करेंगे। पढ़ाई के वीडियो को शिक्षक के साथ शेयर करेंगे। उस वीडियो और फोटो को राज्य मुख्यालय तक उपलब्ध कराया जाएगा। अलग-अलग दिन के विषयों के बारे में रीङ्क्षडग डालने के लिए अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी और अभिभावक बच्चों को रीङ्क्षडग डालने के लिए प्रेरित करेंगे। बैठक के बाद राज्य परियोजना निदेशक द्वारा इसका पत्र भी जारी किया गया है।
बता दें कि 100 दिन का पठन अभियान 31 दिसंबर से शुरू किया गया। सभी प्राइमरी स्कूलों में इसकी शुरुआत भी हो गई। लेकिन, 7 जनवरी से स्कूल बंद होने के बाद बच्चे घर बैठ गए। बच्चे घर में बैठ कर रीङ्क्षडग डालें, इसकी व्यवस्था जिला शिक्षा पदाधिकारी को करने को कहा गया है।