ये हैं Real Life हीरो, जानिए कैसे ‘Holiday’ में घर आया सैनिक लड़ रहा कोरोना से जंग

आपने रील लाइफ के सैनिक अक्षय की फिल्म हॉलिडे तो देखा ही होगा। जिसमे कहा गया है कि ‘ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’। जानिए पूर्वी चंपारण के एक ऐसे ही सैनिक के बारे में। पढ़ें पूरी खबर

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2020 08:48 AM (IST) Updated:Fri, 27 Mar 2020 08:48 AM (IST)
ये हैं Real Life हीरो, जानिए कैसे ‘Holiday’ में घर आया सैनिक लड़ रहा कोरोना से जंग
ये हैं Real Life हीरो, जानिए कैसे ‘Holiday’ में घर आया सैनिक लड़ रहा कोरोना से जंग

पूर्वी चंपारण,(कुंडवाचैनपुर) रीतेश कुमार। बॉलीवुड की एक फिल्म है ‘हॉलीडे’। इसमें कहा गया है कि ‘ए सोल्जर इज नेवर ऑफ ड्यूटी’। फिल्म में अक्षय कुमार छुट्टी बिताने घर आते हैं और देश के दुश्मनों का सफाया करते हैं। ऐसी ही कहानी मोतिहारी के एक सैनिक सुधीर कुमार की है, जो छुट्टी बिताने घर आए और कोरोना महामारी के संकट से लोगों को बचाने में जी जान से जुट गए। ये खुद मास्क बनाते और निशुल्क बांटते। लोगों को समझाते कि सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखें।

 इनका कहना है कि कोरोना देश ही नहीं पूरी दुनिया का दुश्मन है, ऐसे में एकजुट होकर ही इसका सफाया किया जा सकता। सुधीर आर्मी सर्विस कोर में जूनियर कमीशन अफसर के पद पर अमृतसर, पंजाब में पदस्थापित हैं। ये 40 दिनों की छुट्टी पर ढाका प्रखंड के कुंडवाचैनपुर थाना अंतर्गत अपने गांव जटवलिया आए हुए हैं। इसी क्रम में कोरोना ने तेजी से पांव फैलाना शुरू किया। पूरा देश लॉकडाउन हो गया।

 इन्होंने महसूस किया कि मास्क ‘आउट ऑफ मार्केट’ है। ऐसे में इन्होंने कोरोना से जंग में मदद के लिए मास्क बनाने का निर्णय लिया। बैग सहित कई चीजों की सिलाई करनेवाली अपनी पत्नी गुड्डी देवी से ट्रेनिंग ली। फिर, बेहतर क्वालिटी की स्पंज जाली, बारीक स्तर की एलास्टिक व धागा खरीदे और मास्क बनाने का काम शुरू किया। अब तक दो सौ से अधिक ग्रामीणों को बांट चुके हैं। अब इनकी गति बढ़ गई है और सौ मास्क प्रतिदिन बना रहे व बांट रहे। अबतक 20-22 हजार रुपये अपनी जेब से खर्च कर चुके हैं। सुधीर के पिता बच्चा सिंह किसान हैं और इन्हें अपने बेटे के कार्य पर गर्व है।

हर नागरिक को देशहित में तत्पर रहना चाहिए

गांव के समाजसेवी मनोज कुमार सिंह, फुलगेन साह, रविन्द्र शर्मा, मो. मुमताज का कहना है कि सुधीर जब कभी छुट्टी पर आते। गांव में कमजोर लोगों के सहयोग के लिए तत्पर रहते। एसएसबी के द्वितीय कमान अधिकारी राजकुमार खालखो की मानें तो देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह अपनी मातृभूमि व उसमें निवास करनेवाले लोगों को सहयोग करे। देश का वीर जवान समाज को बचाने के लिए अगर कोई कोशिश कर रहा तो यह स्वागतयोग्य है।

 इनके बनाए मास्क के बारे में पूर्वी चंपारण के सिविल सर्जन डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि यह मास्क संक्रमण फैलने से काफी हद तक रोक सकता है। इसलिए सर्दी-जुकाम वाले इसका उपयोग जरूर करें। कोई भी मास्क आठ घंटे से अधिक काम नहीं करता है। उपयोग करने के बाद इसे खुले में नहीं फेंकना चाहिए। इसे जमीन खोदकर गड्ढे में दफन कर देना चाहिए। ताकि, इसका वायरस फैल न सके।

chat bot
आपका साथी