खेती से सजती सेहत की थाली

जिले की बंदरा सुंदरपुर रतवारा पंचायत के किसानों द्वारा की जा रही स्मार्ट खेती से लोगों के घरों में सलाद की थालियां सज रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 01:43 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 01:43 AM (IST)
खेती से सजती सेहत की थाली
खेती से सजती सेहत की थाली

मुजफ्फरपुर : जिले की बंदरा सुंदरपुर रतवारा पंचायत के किसानों द्वारा की जा रही 'स्मार्ट' खेती से लोगों के घरों में सलाद की थालियां सज रही हैं। लाल, पीला व काला गाजर, चुकंदर, पत्ता गोभी, मूली, टमाटर, खीरा, अदरक, ककड़ी, धनिया, पुदीना, हरी मिर्च और नींबू से न केवल खाने का स्वाद दोगुना हो रहा, लोगों की सेहत भी सुधर रही है। यहां के करीब तीन दर्जन किसान ढाई सौ एकड़ रकबे में सलाद से संबंधित सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इतना ही नहीं, सलाद डेकोरेशन के लिए लाल, पीला, हरा शिमला मिर्च और कद्दू की खेती भी की जा रही है। इसकी सप्लाई पटना, आरा, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली व सीतामढ़ी की मंडियों में की जाती है। पड़ोसी देश नेपाल में भी इसकी खूब मांग है।

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तीन कट्ठे से शुरू हुई थी खेती

वर्ष 1998 में आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम के तहत प्रखंड के कुछ किसानों को पीला गाजर व चुकंदर के बीज उपलब्ध कराए गए थे। किसानों ने एक कट्ठे में चुकंदर व दो कट्ठे में गाजर की खेती शुरू की थी। फसल अच्छी और दाम ठीक मिला तो धीरे-धीरे खेती का दायरा बढ़ता गया। कम लागत में अधिक मुनाफा देख मतलुपुर, रामपुरदयाल, पिरापुर, सिमरा, तेपरी के किसानों ने मक्का व गेहूं की फसल छोड़ इनकी खेती करने लगे।

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कम लागत, आमदनी ज्यादा

खेती से जुड़े रामप्रवेश कुमार, अवधेश प्रसाद, नरेश कुमार व हरिओम कुशवाहा कहते हैं कि एक एकड़ में चुकंदर की खेती करने पर 50-60 हजार रुपये खर्च आता है, जबकि आमदनी डेढ़-दो लाख रुपये की होती है। इसी तरह गाजर की खेती करने पर प्रति एकड़ करीब 90 हजार रुपये लागत आती है और आमदनी करीब तीन लाख की होती है। वहीं इतने ही रकबे में टमाटर की खेती में सवा लाख के करीब खर्च आता है। एक पौधे से 10 किलो के करीब टमाटर निकलता है।

आमदनी बढ़ने से किसानों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है। किसी ने घर बना लिए तो किसी ने जमीन और मालवाहक गाड़ी खरीद ली। बच्चों को उच्च शिक्षा भी दिलवा रहे हैं।

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अचार व जूस में भी होता उपयोग : स्थानीय मुखिया पति मधुकर प्रसाद कहते हैं कि दो-तीन कट्ठे से शुरू की गई गाजर-चुकंदर की खेती अब व्यापक क्षेत्र में बदल गई है। सलाद के अलावा अचार, जूस आदि बनाने में भी चुकंदर, टमाटर व गाजर का उपयोग होता है।

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