ड्रेसर-कम्पाउंडर के बिना चल रहा ¨सहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

दरभंगा के सिंहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ¨सहवाड़ा को आधुनिक सुविधा मुहैया कराने में स्वास्थ्य विभाग का प्रयास सफल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jun 2018 01:27 PM (IST) Updated:Fri, 15 Jun 2018 01:27 PM (IST)
ड्रेसर-कम्पाउंडर के बिना चल रहा ¨सहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र
ड्रेसर-कम्पाउंडर के बिना चल रहा ¨सहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र

मुजफ्फरपुर। दरभंगा के सिंहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ¨सहवाड़ा को आधुनिक सुविधा मुहैया कराने में स्वास्थ्य विभाग का प्रयास सफल है। परन्तु चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी की कमी से मरीजों को परेशानी हो रही है। लगभग पांच वर्षों से ड्रेसर व कम्पाउंडर का अस्पताल में नहीं होना सरकारी तंत्र पर सवालिया निशान लगाता है। पीएचसी में चार की जगह मात्र दो चिकित्सक तैनात हैं। रोस्टर के अनुसार 24 घंटे स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए कम से कम तीन चिकित्सक की जरूरी है। विशेष कर प्रभारी के जिम्मे सारी व्यवस्था का संचालन होना कठिन है। पंचायत समिति की बैठक में भी स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली को लेकर हंगामा होता रहता है। महिला चिकित्सक ड्यूटी पर कभी कभी देखे जाते हैं। तीस लाख 12 हजार आबादी वाले प्रखंड में कई जिला के मरीज का ईलाज होता है। हाइवे पथ पर होने वाले दुर्घटना के लिए प्राथमिक उपचार इस अस्पताल में होता है। जीवन रक्षक दवा नहीं रहने से मरीज भटक रहें है।

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जनता की आवाज :

सभी आवश्यक दवा बाहर से खरीदारी करना पड़ता है। सरकारी सुविधा के नाम पर महज खानापूर्ति है। ऐसी स्थिति में रोगियों को यहां कोई लाभ नहीं मिल पाता है।

सना खान - बस्तवाड़ा

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भोजन का मेन्यू चार्ट शोभा की वस्तु बनी हुई है। प्रसव कक्ष को सुसज्जीत तो किया गया है पर महिला चिकित्सक की कमी से मरीजो को नर्स का सहारा लेना पड़ता है।

नारायण भगत - सिमरी

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तीन डाक्टर के सहारे तीन लाख 12 हजार की जनसंख्या वाले इस प्रखंड स्वास्थ केन्द्र में चिकित्सक व कर्मचारी की भारी कमी है। सीमावर्ती जिला मुजफ्फरपुर,सीतामढी के मरीज के अतिरिक्त सदर व बहादुरपुर प्रखंड के मरीज भी अस्पताल में आते हैं।

नंदकिशोर चौधरी - अरई

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पहले 6 बेड का अस्पताल था। इसमें आठ चिकित्सक में चार परमानेंट व चार कन्ट्रेक्ट पर बहाल थे। अब तीस बेड की सुविधा दी गई है। लेकिन, चकित्सकों की संख्या में वृद्धि की जगह कमी ही आई है। मात्र तीन चिकित्सक उपलब्ध हैं। 32 सेंटर के लिए मात्र 36 नर्स तैनात हें जबकि इनकी संख्या 64 होनी चाहिए।

अमृत चौरसिया - मुखिया, सनहपुर

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अस्पताल में नहीं होता ड्रेस कोड का पालन :

-सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र ¨सहवाड़ा में चिकित्सक व कर्मचारी ड्रेस कोड का पालन नही होता। मरीज व उसके परिजन को अस्पताल में यह समझने में दिक्कत होता है कि यहां नर्स व अन्य कर्मचारी कौन हैं। स्वास्थ विभाग के अधिकारी का निर्देश है कि अस्पताल के ड्यूटी आवर में ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य रूप से करें। डाक्टर से लेकर सफाई कर्मचारी, आउट सोर्स के कर्मी, एएनएम व नर्स ड्रेस के साथ अपना पहचान पत्र गला में लटका कर रखेंगे।

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ड्रेसर का कार्य देखते हैं चतुर्थवर्गीय कर्मचारी :

अस्पताल में प्राथमिक उपचार में ड्रेसर, कम्पाउंडर की जगह चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का सहयोग रहता है। दुर्घटना में घायल का बेंडेज से लेकर सूई देने का काम इनके जिम्मे है। चिकित्सक का ये लोग गंभीर मामले में भी सहयोग करते देखे जाते हैं। काउंटर पर दवा वितरण की व्यवस्था कर्मियों के जिम्मे होता है।

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प्राथमिक उप स्वास्थ केन्द्र की व्यवस्था चौपट :

बिरदीपुर में नवनिर्मित स्वास्थ्य केन्द्र रास्ता के अभाव में कई वर्षों से बंद पड़ा है। भवन गांव की शोभा बढा रहा है। बस्तवाड़ा एपीएचसी में व्यवस्था शून्य रहने से गांव के मरीज को निजी चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण को परेशानी अधिक है। उधर कलिगांव एपीएचसी की जिम्मेवारी आयुष चिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र ठाकुर एवं एएन एम के सहारे है। जबकि केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री अश्विन चौबे ने कई बार गांव में भ्रमण कर आश्वस्त किया था कि शीघ्र अस्पताल का कायाकल्प होगा। हरिहरपुर प्राथमिक केन्द्र में सुविधा नाम की चीज नहीं है। अतरबेल जाले पथ किनारे स्थित घोड़ दौड़ पीएचसी वर्षो से बंद है। भवन को देखने से ही स्थिति ¨चताजनक लगता है।

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डीएम ने किया है अस्पताल को सम्मानित :

चिकित्सा पदाधिकारी प्रेम कुमार ने बताया है कि अस्पताल में चिकित्सक से लेकर कर्मियों तक की कमी है। लंबे समय से ड्रेसर व कम्पाउंडर नहीं है। इसके बाद भी आने जाने वाले मरीज का इलाज अस्पताल कर्मियों के सहयोग से किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग को विधिवत सूचना दे दी गई है। चिकित्सीय व्यवस्था व कर्मियों की बेहतर सेवा के लिए डीएम डा.चन्द्रशेखर ¨सह ने जिला में आयोजित कार्यक्रम में प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो प्रदान कर अस्पताल को गौरवान्वित किया है।

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