श्रीबाबू की जयंती पर शैक्षिक जागृति का संकल्प

बिहार केसरी एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की 132वीं जयंती रविवार को एलएस कॉलेज परिवार ने समारोह पूर्वक मनाई। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस समारोह का हिस्सा बने।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 02:06 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 06:16 AM (IST)
श्रीबाबू की जयंती पर शैक्षिक जागृति का संकल्प
श्रीबाबू की जयंती पर शैक्षिक जागृति का संकल्प

मुजफ्फरपुर। बिहार केसरी एवं प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की 132वीं जयंती रविवार को एलएस कॉलेज परिवार ने समारोह पूर्वक मनाई। रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस समारोह का हिस्सा बने। प्राचार्य प्रो. ओपी राय के नेतृत्व में शैक्षिक जागृति के लिए सबने संकल्प लिया। मुख्य अतिथि राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि श्रीबाबू आधुनिक बिहार के निर्माता थे। वे पारदर्शी राजनीति के पक्षधर थे। समाज में शिक्षा का अलग जगे और शिक्षक का सम्मान बढ़े इसकी चिंता वे करते रहते थे। आज शिक्षा की स्थिति और शिक्षकों का सम्मान भी घटा है। ऐसे माहौल में एलएस कॉलेज के प्राचार्य के रूप में प्रो. ओपी राय ने जो प्रयास किया है, वह प्रेरणादायी है। जहानाबाद के पूर्व सांसद डॉ. अरुण कुमार ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि आज सत्ता और समाज श्रीबाबू के आदर्शो से दूर हो रहा है। संवेदनाएं खत्म हो रही हैं। श्रीबाबू के आदर्शो पर चलकर ही खोई गरिमा को वापस लौटाया जा सकता है।

शिक्षक समाज की बौद्धिक संपदा : प्रो. ओपी राय

प्राचार्य ने कहा कि हम शिक्षक और छात्रों को डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के आदर्शो पर चलना होगा-तभी नया बिहार बनेगा। जहां शिक्षकों का सम्मान होगा वहीं छात्र विकास की नई रेखा खींच सकेंगे। पारदर्शी राजनीति की परिकल्पना साकार होगी। शिक्षक समाज की बौद्धिक संपदा हैं। इस संपदा को बचाने के लिए संघर्ष की जरूरत है। विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, पालीगंज के पूर्व विधायक प्रो. जनार्दन प्रसाद शर्मा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रवींद्र प्रसाद सिंह, प्रो. अनिल कुमार सिंह, धर्मवीर शुक्ला, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सुनील कुमार मिश्रा, डॉ.उमेश कुमार श्रीवास्तव, डॉ. ललित किशोर, डॉ. ज्योति के अलावा पुलिस पाठशाला के बच्चे, बीएमसी, बीसीए, बीबीए के छात्र बड़ी संख्या में मौजूद थे।

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