मिथिलांचल में नदियां उफान पर, कई गांवों में घुसा पानी Muzaffarpur News
दरभंगा के घनश्यामपुर में कमला बलान का बांध दोबारा ध्वस्त। कमला नदी में डूबने से एक मरा। मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान खतरे के निशान से 1.85 मीटर ऊपर बह रही है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। उत्तर बिहार के मिथिलांचल के तीन जिलों मधुबनी, समस्तीपुर और दरभंगा में गुुरुवार को नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि जारी रही। इससे निचले इलाके के कई गांवों में पानी घुस गया है। दरभंगा के घनश्यामपुर प्रखंड में कमला बलान नदी का बांध दोबारा ध्वस्त होने से खतरा बढ़ गया है। डूबने से एक की मौत की खबर है। पश्चिम चंपारण में नदियां शांत रहीं।
मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान खतरे के निशान से 1.85 मीटर ऊपर बह रही है। नदी का पानी नरुआर गांव में प्रवेश कर गया है। सड़कों पर पानी का फैलाव हो रहा है। मधेपुर प्रखंड में कोसी के जलस्तर में वृद्धि से घरों का कटाव हो रहा है। लौकही प्रखंड क्षेत्र में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में वृद्धि से घोरदह नदी के डायवर्सन पर पानी का बहाव शुरू हो गया है। इससे निर्मली-कुनौली पथ पर आवागमन ठप हो गया है।
समस्तीपुर के मोहनपुर में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर 39 सेमी ऊपर चला गया है। इससे दियारांचल के नए क्षेत्रों में पानी का फैलाव हो रहा है। सैकड़ों बीघा भूमि में लगे मक्के में पानी प्रवेश कर गया है। सड़कों पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया। कई स्कूल पानी से घिर गए हैं। गंगा की दो धाराओं के बीच वाले गांव हरदासपुर, सरसावा व जहींगरा में आवासीय क्षेत्र में पानी फैल गया है। घर के चारों ओर पानी ही पानी है। मोहिउद्दीननगर में गंगा व वाया नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से खतरा मंडराने लगा है। निचले हिस्सों में पानी प्रवेश कर गया है।
दरभंगा जिले के तारडीह प्रखंड में कमला नदी के पश्चिमी तटबंध के 57 से 58 किमी पर हुए कटान से पानी का बहाव निचले क्षेत्रों में होने लगा है। घनश्यामपुर में कमला-बलान नदी का पश्चिमी तटबंध 18 सितंबर की रात कुमरौल गांव के पास 69 वें किमी के टूटान पर दोबारा 50 फीट में ध्वस्त हो गया। नतीजा, पानी तेजी से गांवों में फैलने लगा है। लोग ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कुमरौल गांव में कमला बलान नदी में डूबने से गांव के ही विनोद मुखिया के पुत्र हरीलाल मुखिया की मौत हो गई।
उधर, पश्चिम चंपारण में पहाड़ी नदियों के जलस्तर में कमी आई है। लेकिन, कटाव तेज हो गया है। गंडक के जलस्तर में कमी से अभियंताओं ने राहत की सांस ली है।