पहल : बच्चे करेंगे लक्षण के आधार पर कुष्ठ रोगियों की पहचान, देंगे मरीजों को उच‍ित सलाह

कुष्ठ रोग की पहचान और उसके उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग की योजना, पीएचसी स्तर से स्कूलों और बच्चों का किया जाएगा चयन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 17 Jan 2019 03:10 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jan 2019 03:10 PM (IST)
पहल : बच्चे करेंगे लक्षण के आधार पर कुष्ठ रोगियों की पहचान, देंगे मरीजों को उच‍ित सलाह
पहल : बच्चे करेंगे लक्षण के आधार पर कुष्ठ रोगियों की पहचान, देंगे मरीजों को उच‍ित सलाह

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कुष्ठ उन्मूलन अभियान में अब स्कूली बच्चे सहयोग करेंगे। प्रखंडों में पीएचसी स्तर से स्कूलों और बच्चों का चयन किया जा रहा। इसमें कक्षा छह से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को शामिल किया गया है। 25 जनवरी तक प्रखंडवार स्कूलों का चयन करना है। चयन प्रक्रिया के बाद स्कूल स्तर पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित कर बच्चों को कुष्ठ रोग से संबंधित जानकारी और उसके लक्षण बताए जाएंगे। कुछ पर्चे भी उपलब्ध कराएं जाएंगे, जिसमें रोग और इलाज संबंधी जानकारी होगी। 

    ये बच्चे अपने आसपास कुष्ठ के लक्षणवाले मरीजों की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य विभाग के खोजी दल के पास भेजेंगे। अस्पताल जाने की भी सलाह देंगे। साथ ही, इलाज के बाद मरीजों को समय पर दवा लेने व नियमित जांच की बात समझाएंगे। जानकारी बढ़ाने के लिए कुष्ठ रोग से संबंधित क्विज का भी आयोजन होगा।

    सभी पीएचसी प्रभारियों को कुष्ठ खोज अभियान में पूरी टीम के साथ लगने का निर्देश दिया गया है। शहादत दिवस से चलेगा अभियान गांधीजी के शहादत दिवस 30 जनवरी को कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसी दिन से जिले में विशेष कुष्ठ खोज और जागरूकता अभियान चलाने की योजना है।

सूनापन के कारण होते घाव

समय पर पहचान हो जाने के बाद इलाज शुरू हो तो कुष्ठ रोग में फायदा होता है। मल्टी ड्रग्स थेरेपी (एमडीटी) से बैक्ट्रिया का प्रजनन और संक्रमण बंद हो जाता है। चिकित्सक बताते हैं कि रोगी के हाथ-पांव में घाव कुष्ठ के जीवाणु के कारण नहीं, सूनापन के कारण होते हैं। सूने हाथ-पांव को जलने, कटने, चोट लगने से बचाना चाहिए।

जिला पर्यवेक्षक अरुण कुमार बताते हैं कि त्वचा पर तवे के रंग का दाग या हल्का उजला दाग, जिसमें सूनापन हो कुष्ठ के लक्षण हो सकते हैं।

   बिना दाग के भी किसी खास हिस्से की त्वचा में सूनापन होना तथा वहां पर पसीना नहीं होना भी कुष्ठ का लक्षण हो सकता है। अगर, इस तरह के लक्षण हों तो निकट के स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच कराएं और निश्शुल्क दवा लें। कार्यक्रम पदाधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि कुष्ठ खोज जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चे भी सहयोग करेंगे। लक्षण के आधार पर वे मरीजों की पहचान करेंगे। प्रखंडों में स्कूलों का चयन कर कार्यशाला व क्विज आयोजित की जाएगी।

प्रखंडवार मरीजों की संख्या

औराई प्रखंड में 100, कटरा में 21, मीनापुर में 19, सरैया में 27, मड़वन में 9, बोचहां में 12, कुढऩी में 20, कांटी में 7, पारू में 14, साहेबगंज में 10, गायघाट में 9, बंदरा में 3, सकरा में 11, मोतीपुर में 8, मुरौल में 1, मुशहरी में 3 व नगर में 8 मरीज है।  

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