विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों के कैंपस तक में प्लास्टिक बैन, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News

प्लास्टिक के गिलास कप लंच पैकेट बोतलों और कैरी बैग के इस्तेमाल पर रोक। यूजीसी के ताजा निर्देश पर अमल के लिए प्रभारी कुलपति गंभीर।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 03 Sep 2019 09:37 AM (IST) Updated:Tue, 03 Sep 2019 01:17 PM (IST)
विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों के कैंपस तक में प्लास्टिक बैन, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News
विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों के कैंपस तक में प्लास्टिक बैन, चलाया जाएगा जागरूकता अभियान Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेजों के कैंपस में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर बैन लगाने का निर्देश दिया है। यूजीसी के निर्देशानुसार परिसर में प्लास्टिक कप, लंच पैकेट, स्ट्रॉ, बोतल और बैग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग जाएगा। स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत यूजीसी ने 30 अगस्त को ही विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों को इस बारे में गाइडलाइन जारी किया है। प्रभारी कुलपति ने कहा कि बहुत जल्द जरूरी कदम उठाए जाएंगे। एमडीडीएम की प्राचार्य डॉ. ममता रानी ने यूजीसी की पहल की सराहना करते हुए कहा है कि इससे पर्यावरण की सुरक्षा होगी।

प्लास्टिक फ्री कैंपस से दें संदेश

प्लास्टिक फ्री कैंपस के लिए अपनाई जाने वाली नीति पर यूजीसी ने विश्वविद्यालय को गंभीरता से काम लेने को कहा है। कैंपस स्थित कैंटीन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स व हॉस्टलों में भी प्लास्टिक पर प्रतिबंध रहेगा। यूजीसी का ज्यादा जोर सिंगल यूज प्लास्टिक और उससे होने नुकसान को लेकर है। उसके प्रति जागरूकता के लिए छात्रों व शिक्षकों के बीच कैंपेन चलाने को कहा है। प्लास्टिक के बदले कपड़ा बैग, पेपर बैग को अपनाने की सलाह दी है। विश्वविद्यालय और कॉलेजों द्वारा गोद लिए हुए गांवों में भी अभियान चलाकर लोगों को प्लास्टिक से बचने का निर्देश है। एक बार इस्तेमाल करने योग्य प्लास्टिक की बोतलों पर रोक लगाएं और इसके बजाय फिर से उपयोग की जा सकने वाली बोतलों के इस्तेमाल को बढ़ावा दें।

स्वच्छता के प्रति बढ़ानी होगी जागरूकता

यूजीसी ने उपयोग के बाद फेंकने वाली प्लास्टिक पर जन जागरूकता पैदा करने और स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान चलाने के लिए कहा है। यह प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के साझा प्रयासों का एक अवसर है और मानव संसाधन विकास मंत्रालय चाहता है कि छात्रों को उनकी दिनचर्या में प्लास्टिक के उत्पादों की बजाय लकड़ी या कृषि अपशिष्ट से तैयार उत्पादों का प्रयोग किया जाए। साथ ही पर्यावरण बचाने की मुहिम से युवाओं का जुड़ाव हो।

इस बारे में प्रभारी कुलपति, बीआरबीए विवि, प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि यूजीसी के गाइड लाइन का अक्षरश

पालन किया जाएगा। कैंपस में अब जो भी कार्यक्रम होंगे उसमें पॉलीथिन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं होगा। यानी नाश्ता-खाना से लेकर मिनरल वाटर तक प्लास्टिक पैक में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। विवि परिसर में पहले से मौजूद गंदगी या पॉलीथिन का उठाव कराया जाएगा। कैंपस में जगह-जगह डस्टबीन की व्यवस्था होगी।

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