'बैलगाड़ी' बनती जा रही सियालदह फास्ट पैसेंजर, मिनटों का सफर घंटों में Muzaffarpur News

सुनसान इलाके में ट्रेन को घंटों रोक देने से दहशत में रहते यात्री। इस ट्रेन से सफर करते अधिकतर गरीब व मजदूर तबके के लोग। हर स्टेशन के आउटर पर इसे घंटों रोक दिया जाता है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 29 Jun 2019 08:40 AM (IST) Updated:Sat, 29 Jun 2019 08:40 AM (IST)
'बैलगाड़ी' बनती जा रही सियालदह फास्ट पैसेंजर, मिनटों का सफर घंटों में Muzaffarpur News
'बैलगाड़ी' बनती जा रही सियालदह फास्ट पैसेंजर, मिनटों का सफर घंटों में Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मुजफ्फरपुर से सियालदह जाने वाली 53132 सियालदह फास्ट पैसेंजर से सफर यात्रियों की परेशानी बढ़ा रहा है। इस ट्रेन का नाम भले ही फास्ट पैसेंजर हो, लेकिन इसकी चाल 'बैलगाड़ी' की तरह होती जा रही है। यूं तो इस ट्रेन का ठहराव हर छोटे-बड़े स्टेशनों पर है। इसके बाद भी इसे हर स्टेशन के आउटर पर घंटों रोक दिया जाता है। स्टेशन व जंक्शन पर भी इसे घंटो रोका जाता है। इससे सफर करने वालों में अधिकतर गरीब व मजदूर तबका के यात्री होते हैं। मिनटों का सफर घंटों में तय हो रहा है।

   दिन में तो यात्री किसी तरह यात्रा करते हैं, लेकिन रात में इसे सुनसान इलाके में घंटों रोक देने से वे सहमे रहते हैं। अक्सर यह ट्रेन विलंब से ही चलती है। बुधवार को तो इस ट्रेन ने यात्रियों को खून के आंसू रुलाए। छह से सात घंटे विलंब रही। बरौनी जंक्शन पर एक घंटे से अधिक समय तक ट्रेन खड़ी रही। अतरह के नरेश कुमार ने कहा कि ट्रेन के जसीडीह पहुंचने का समय शाम 5:19 बजे है, लेकिन यह रात 10:41 बजे पहुंची।

   जसीडीह से मात्र 29 किमी दूर मधुपुर जंक्शन पहुंचने में ट्रेन को करीब दो घंटे लग गए। यहां इस ट्रेन के पहुंचने का समय शाम करीब छह बजे है। मध्य रात्रि 12:30 बजे के बाद पहुंची। मधुपुर जा रहे महमूद आलम ने कहा कि बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल रहा। ट्रेन विलंब होने से घर तक पहुंचने के लिए ऑटो नहीं मिला। आधी रात को बच्चों के साथ करीब पांच किमी पैदल चलना पड़ा।

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