अब एएनएम भी करेंगी मरीजों की पैथोलॉजी जांच जानें कैसे होगा यह संभव

63 प्रकार की जांच की सुविधा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्र में उपलब्ध कराई जानी है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में भी मिले।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 18 Nov 2019 02:42 PM (IST) Updated:Mon, 18 Nov 2019 02:42 PM (IST)
अब एएनएम भी करेंगी मरीजों की पैथोलॉजी जांच जानें कैसे होगा यह संभव
अब एएनएम भी करेंगी मरीजों की पैथोलॉजी जांच जानें कैसे होगा यह संभव

समस्तीपुर, जेएनएन। अब स्वास्थ्य संस्थानों में एएनएम भी मरीजों की पैथोलॉजी जांच करेंगी। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सह अपर सचिव (स्वास्थ्य) मनोज कुमार ने सिविल सर्जन को पत्र जारी किया है। इसमें सामान्य प्रकार की पैथोलॉजी जांच के लिए सभी एएनएम को प्रशिक्षण देने को कहा गया है। इसमें हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सामान्य पैथोलॉजी जांच की सुविधा मिलेगी।

वहीं, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और स्वास्थ्य उपकेंद्र में 63 प्रकार की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जानी है। इसके अलावा पैथोलॉजिस्ट एवं स्टेट रिसोर्स यूनिट के सहयोग से जिले में पदस्थापित सभी लेबोरेटरी तकनीशियन का एक दिवसीय प्रशिक्षण जिला स्तर पर आयोजित किया जाना है। इसके लिए जिला स्तर पर प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल में उपलब्ध डायग्नोस्टिक किट का उपयोग किया जाएगा।

एएनएम को जांच की विधियों की मिलेगी जानकारी

जिलास्तरीय लैब तकनीशियन को प्रशिक्षण के उपरांत उनके माध्यम से ही प्रखंड की सभी एएनएम को जांच की विधियों के बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक महीने के अंदर प्रशिक्षित किया जाएगा।

महिला स्वास्थ्य कर्मियों को फिलहाल किट से होनेवाली जांच की जानकारी दी जानी है। इसमें एनीमिया, एचआइवी, यूरिन, डायबिटीज, प्रेग्नेंसी जांच सहित 10 प्रकार की जांच करने के तरीके के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा कुल 63 प्रकार की जांच करने की भी जानकारी दी जाएगी। जिले के स्वास्थ्य उपकेंद्रों के क्षेत्र में पडऩेवाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वेलनेस सेंटर से जोड़ा जा रहा। इसमें लैब के तकनीकी कर्मी और उपकरण की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की सुविधा

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रत्येक महीने गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच की जानी है। इसमें महिलाओं के खून, पेशाब, एचआइवी, ब्लड ग्रुप व शुगर आदि की जांच की जानी है। टिटनेस के टीके व खून बढ़ाने के लिए दवाई भी दी जानी है। महिलाओं की गर्भावस्था के दौरान जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य की देखभाल के बारे जानकारी दी जानी है। प्रसव के बाद परिवार कल्याण के तरीके के बारे में भी बताया जाता है। जिस गर्भवती महिला में खतरे के लक्षण पाए गए, उसे तुरंत दाखिल करके इलाज करवाया जाता है।

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