दरभंगा से पांचवें दिन लौट गई एनआइए की टीम, आसपास के जिलों में कर सकती छापेमारी

मामले में अब तक हैदराबाद और शामली से गिरफ्तार चार संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में कई जानकारी मिली है। इसमें दरभंगा सिकंदराबाद हैदराबाद और शामली का कनेक्शन साफ हो चुका है। घटना में शामिल कई लोगों को चिह्नित कर उसके ठिकाने खंगाले जा रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 17 Jul 2021 08:44 AM (IST) Updated:Sat, 17 Jul 2021 08:44 AM (IST)
दरभंगा से पांचवें दिन लौट गई एनआइए की टीम, आसपास के जिलों में कर सकती छापेमारी
अब एजेंसी के निशाने पर पर्दे के पीछे खेल करनेवाले लोग हैं। फाइल फोटो

दरभंगा, जासं। पार्सल ब्लास्ट की जांच को पहुंची राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की सात सदस्यीय टीम ने दरभंगा में चार दिनों तक गहन पड़ताल की। घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाकर पांचवें दिन शुक्रवार को लौट गई। सूत्र बताते हैं कि टीम जल्द ही दरभंगा और आसपास के जिलों में छापेमारी करने के लिए आ सकती है। वजह क्षेत्र के कई संदिग्ध निशाने पर हैैं। घटना के एक महीने पूरे हो गए। इस दौरान यहां दो बार एनआइए की टीम पहुंची। मामले में अब तक हैदराबाद और शामली से गिरफ्तार चार संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ में कई जानकारी मिली है। इसमें दरभंगा, सिकंदराबाद, हैदराबाद और शामली का कनेक्शन साफ हो चुका है। घटना में शामिल कई लोगों को चिह्नित कर उसके ठिकाने खंगाले जा रहे हैं। अब एजेंसी के निशाने पर पर्दे के पीछे खेल करनेवाले लोग हैं। उन्हें सामने लाने की कार्रवाई की जा रही है। 

चार शहरों का कनेक्शन खंगाल रही एनआइए

दरभंगा, मुकेश कुमार श्रीवास्तव। दरभंगा पार्सल ब्लास्ट के एक महीने पूरे हो गए हैं। इस अवधि में राष्ट्रीय जांच एजेंसी को कई सफलता मिली है। अबतक चार संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। लंबी पूछताछ में उनसे कई जानकारी हासिल हो गई है। दरभंगा, सिकंदराबाद, हैदराबाद और शामली का कनेक्शन साफ हो चुका है। घटना में शामिल कई लोगों को चिह्नित करने के बाद उनके ठिकाने खंगाले जा रहे हैं। अब एजेंसी के निशाने पर पर्दे के पीछे खेल करनेवाले लोग हैं। उन्हें सामने लाने की कार्रवाई की जा रही है। जानकार बताते हैं कि इन सभी पहलुओं पर एनआइए की सात सदस्यीय टीम ने दरभंगा में चार दिनों तक गहन पड़ताल की है। घटना से जुड़े तमाम साक्ष्यों को समेकित करने के बाद पांचवें दिन शुक्रवार की सुबह पूरी टीम वापस हो गई। सूत्र बताते हैं कि पूरी टीम शीघ्र दरभंगा और आस-पास के जिलों में जांच व छापेमारी में आ सकती है। वजह यह कि इस क्षेत्र के भी कई संदिग्ध टीम की रडार पर है।

30 जून को पहली बार मिली एनआइए को मिली सफलता

दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले की जांच आरंभ में राजकीय रेल पुलिस सहित एटीएस कर चुकी है। बाद में मामले को एनआइए को सौंप दिया। इस दौरान 30 जून को हैदराबाद के मल्लेपल्ली से शामली के कायस्थवाड़ा निवासी मो. नासिर खान उर्फ नासिर मल्लिक और उसके भाई इमरान मलिक उर्फ इमरान खान को एनआइए टीम ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों भाई की तस्वीर सिकंदराबाद स्टेशन पर सीसी कैमरे में कैद थी। गिरफ्तारी बाद जब दोनों भाई के घर की तलाशी ली गई तो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आइईडी बम) बनाने की प्रक्रिया और इसे बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री से संबंधित कई दस्तावेज सहित कई डिजिटल उपकरणों की बरामदगी हुई। फिर उत्तर प्रदेश के शामली के कैराना स्थित बिस्तयान से मो. सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम और आलखुर्द मोहल्ला से कफील उर्फ काफिल की गिरफ्तारी हुई। मो. सलीम अहमद उर्फ हाजी सलीम के बीमार रहने के कारण उसे रिमांड पर नहीं लिया गया। लेकिन, अन्य तीनों को रिमांड पर लेकर एनआइए की टीम ने सात दिनों तक पूछताछ की। नौ जुलाई को तीनों को पटना के विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जहां से कफील उर्फ काफिल को जेल भेज दिया गया। टीम फिर से पूछताछ की और 16 जुलाई को रिमांड अवधि समाप्त होने पर दोनों को कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया गया। जहां से दोनों को बेउर जेल भेज दिया गया।  

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