बालिका गृह भवन के पूर्व में तोड़े गए मलबा को हटाने का कार्य शुरू

बालिका भवन को तोड़ने का निगम ने गुरुवार को जारी किया था आदेश एजेंसी के चयन तक नगर निगम विभागीय स्तर से तोड़ेगा बालिका गृह भवन।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Feb 2019 01:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Feb 2019 01:36 PM (IST)
बालिका गृह भवन के पूर्व में तोड़े गए मलबा को हटाने का कार्य शुरू
बालिका गृह भवन के पूर्व में तोड़े गए मलबा को हटाने का कार्य शुरू

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह भवन के पूर्व में तोड़े गए मलबा को हटाने का कार्य नगर निगम प्रशासन ने शुक्रवार को शुरू कर दिया | इस कार्य में करीब आधा दर्जन मजदूरों को लगाया गया है। मालूम हो कि बालिका गृह भवन तोडऩे की दूसरी सुनवाई में भी ब्रजेश ठाकुर को राहत नहीं मिली। निगम कार्यालय में गुरुवार को हुई सुनवाई में उसकी दलील एवं दावे को खारिज कर दिया गया था।
   सुनवाई के बाद बालिका गृह भवन को तोडऩे का आदेश जारी किया गया। नवीनतम आदेश में स्वीकृत नक्शा के बदले अवैध निर्माण को तोड़ा जाएगा। इसके तहत प्रथम तल तक के निर्माण को फिलहाल नहीं तोड़ा जाएगा। तीसरे एवं चौथे तल के भवन को तोडऩे का काम आज से होना है। इसी कड़ी में उक्त कार्य शुरू किया गया। 
एजेंसी चयन से पहले विभागीय स्तर से तोड़ा जाएगा भवन
बालिका गृह भवन तोडऩे के लिए एजेंसी का चयन किया जाना है। इसके लिए दूसरी बार निविदा आमंत्रित की गई है। पूरी प्रक्रिया 28 फरवरी तक पूरी की जानी है। पहली बार में निविदा डालने पर कोई सामने नहीं आया था। इस बार कुछ एजेंसिंयों ने निविदा में भाग लिया है। जब तक एजेंसी का चयन नहीं हो जाता है तब तक निगम की ओर से विभागीय स्तर पर भवन के तोडऩे की कार्रवाई चलेगी। 
बिहार भवन न्यायाधिकरण ने लगाई थी रोक 
पूर्व में भी बालिका गृह भवन के निर्माण की जांच हुई थी। जांच में भवन निर्माण को बिल्डिंग बाइलॉज के विपरीत बताते हुए अवैध करार दिया गया था। उसके बाद निगम प्रशासन ने बालिका गृह भवन को तोडऩे का आदेश दिया था। आदेश के बाद भवन को तोडऩे का काम भी शुरू हुआ। इसी बीच भवन मालिक द्वारा मामला बिहार भवन न्यायाधिकरण पटना में ले जाया गया था।
   न्यायाधिकरण ने भवन को तोडऩे के कार्य पर रोक लगाते हुए निगम को फिर से सुनवाई का आदेश दिया था। आदेश के आलोक में दूसरी बार जांच एवं सुनवाई हुई। बुधवार को नक्शा के अनुरूप बालिका गृह भवन का निर्माण हुआ है या नहीं इसकी जांच कार्यपालक अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम ने की थी।

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