एमडीडीएम कॉलेज से खोईंछा देकर किया था विदा, अब यादों में रह गईं मृदुला सिन्हा

आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ.ममता रानी ने डॉ.मृदुला सिन्हा के निधन पर गहरा शोक जताया। कहा कि उनका जाना मेरी जिंदगी में बड़ी रिक्तता है। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। उन्होंने साझा की उनके साथ बिताए पलों की यादें

By Murari KumarEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 01:38 PM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 01:38 PM (IST)
एमडीडीएम कॉलेज से खोईंछा देकर किया था विदा, अब यादों में रह गईं मृदुला सिन्हा
गोवा की पूर्व राज्यपाल डॉ.मृदुला सिन्हा (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एमडीडीएम कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य सह आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य डॉ.ममता रानी ने डॉ.मृदुला सिन्हा के निधन पर गहरा शोक जताया। कहा कि उनका जाना मेरी जिंदगी में बड़ी रिक्तता है। उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। कहा कि उनकी बेटी की उम्र होने के बावजूद जब वे कॉलेज आईं थींं तो चावल, हल्दी गांठ और दूब का खोईंछा देकर विदा किया था। 

कहा कि वे मेरी बुआ की जिठानी थीं पर मेरी प्रथम गुरु थीं। मैने विद्यारम्भ उनके ही विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर से की थी। मेरे हाथों में सबसे पहले भट्टा (सिलेट पेंसिल) उन्होंने ने ही पकड़ाया था। जब उन्हेंं मालूम हुआ कि मैं एमडीडीएम कॉलेज में प्राचार्य बनी तो उन्होंने खुद कॉलेज आने की इच्छा जताई। उन्होंने मंच से कहा कि जिन हाथों में मैंने भट्टा पकड़ाया वो काबिल हाथ थे तभी वो उस महाविद्यालय की प्राचार्य हुई जहां की आई छात्रा रही हूं। मैं इसकी गुरु और ये मेरी प्राचार्य कह कर वे जोर से ठहाके लगाईं थीं। वह ताउम्र नहीं भूलने वाला। वे स्त्री सशक्तिकरण की ज्वलंत मिसाल थीं। राजनीतिक ऊचाइयों के साथ वे जमीन से जुड़ी शख्सियत थीं। लोकगीत, लोकोक्ति, लेखन हो या अचार बनाना हर गुण उनमें विद्यमान था। 

पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा के निधन से मटिहानी मर्माहत

 गोवा की पूर्व राज्यपाल कांटी प्रखंड अंतर्गत कलवारी छपरा गांव की बेटी व औराई प्रखंड के मटिहानी गांव की बहू मृदुला सिन्हा के निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। बुधवार की शाम उनकी मौत की खबर सुनकर ग्रामीण उनके पैतृक आवास पर पहुंचे और शोकाकुल स्वजनों को सांत्वना दी। उनके देवर भाजपा जिला कार्यसमिति के सदस्य अभय सिंह ने बताया कि दीपावली से एक दिन पहले हर्ट अटैक हुआ था। फोर्टिस अस्पताल दिल्ली में भर्ती कराया गया था। दीपावली के दिन ऑपरेशन किया गया।

 बुधवार की दोपहर तीन बजे दिन में उनकी मौत हो गई। गत वर्ष फरवरी 2019 में अपने गांव में कारिख महाराज की पूजा में 15 से 22 फरवरी तक रहीं थीं। विदित हो कि 27 नवंबर 1942 को मृदुला सिन्हा का जन्म कांटी प्रखंड अंतर्गत कलवारी छपरा गांव में हुआ था। औराई प्रखंड अंतर्गत मटिहानी गांव के प्रो. रामकृपाल सिन्हा के साथ उनकी शादी 1959 में हुई थी। उनके निधन की खबर सुनकर आवास पर पहुंचे नवीन कुमार ,मुकेश कुमार, विकास राय ,अंशुमन कुमार, मिथिलेश सिंहा, रामदौन सिंह, शिवम कुमार, पुष्पम कुमारी ,सिंघेश्वर सहनी, डॉ. रामहुलास सिंह, बलिराम सिंह, गणेश सिंह, कुमार वीरेंद्र, कौशल  सिंह, अशोक सिंह, रामचंद्र सिंह आदि ने बताया कि उनके निधन की खबर सुनकर आघात पहुंचा है। वे ससुराल में भी काफी लोकप्रिय रहीं। 

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