Muzaffarpur: जिले में आधे से अधिक नलकूप खराब, किसानों को हो रहा नुकसान

Muzaffarpur News जिले में आधे से अधिक सरकारी नलकूप खराब हैं। इसके कारण सिचाई पर किसानों को अधिक खर्च करना पड़ रहा है। नलकूप विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 461 नलकूप है। इसमें से 214 नलकूप चालू है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 09:17 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 09:17 AM (IST)
Muzaffarpur: जिले में आधे से अधिक नलकूप खराब, किसानों को हो रहा नुकसान
मुजफ्फरपुर में आधे से अधिक नलकूप खराब। (सांकेतिक तस्वीर)

मुजफ्फरपुर,जागरण संवाददाता। जिले में आधे से अधिक सरकारी नलकूप खराब हैं। इसके कारण सिचाई पर किसानों को अधिक खर्च करना पड़ रहा है। नलकूप विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 461 नलकूप है। इसमें से 214 नलकूप चालू है। बाकी नलकूप खराब है। विभाग से  77 नलकूप के मरम्मत की राशि इस साल आई है। विभााग अभी नई नलकूप नहीं गाड रहा है। ब्लकि उसको सिर्फ पंचायत से आई नलकूप की तकनीकी खराबी को ही ठीक करना है।  

 पंचाायत की देखरेख में अब नलकूप का संचालन किया जा रहा है। पंचाायत स्तर पर कमेटी बनी है। कमेटी के जिम्मे पटवन की वसूली करना तथा छोटी-मोटी मरम्मत करना है। जिले में प्रति क_ा पटवन के लिए 25 रुपये की राशि तय है। तय राशि देकर किसान अपनी पटवन करा सकते है। अभी नई  योजना नहीं आ रही है। 

जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रशेखर सिह ने कहा कि हर खेत को पानी योजना के तहत बिजली हर खेत तक जाए इस पर काम चल रहा है। इसके साथ किसानों को जलसंचय के लिए उनके खेेेत में छोटा पोखर निर्माण का काम चल रहा है। लक्षय यह तय किया गया है कि सर्वे कराने के बाद हर खेत तक पानी चला जाए। 

 कटरा के किसान अशोक शर्मा ने कहा कि नलकूप से एक एकड़ खेत का पटवन करने में 500 की राशि खर्च हो रही हे। जबकि नलकूप नहीं रहने से पंपसेट के जरिए पटवन करना पड़ रहा है। इसके लिए अभी प्रति एकड़ दो हजार से 2500 की राशि खर्च हो रही हे। किसानों के हित में पटवन के लिए नलकूप बेहतर साधन है। 

मोतीपुर के किसान प्रेमशंकर शाही ने कहा कि अभी हर खेत तक बिजली नहीं पहुंची है। इसलिए नलकूप सबसे बेहतर जरिया है। कुढऩी के किसान रामकुमार ने कहा कि नलकूप से बढिय़ा कोई सिचाई का साधन नहीं है। इस साधन को सरकार सुलभ बनाए। 

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