सीतामढ़ी : राजद नेता कामता प्रसाद हत्याकांड में शातिर चिरंजीवी समेत पांच को उम्रकैद

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने सुनाई सजा। पांचों आरोपियों को 22-22 हजार रुपये अर्थदंड की सजा। चिरंजीवी को आर्म्स एक्ट में अलग से तीन साल कारावास की सजा।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 28 Feb 2019 08:29 PM (IST) Updated:Thu, 28 Feb 2019 08:29 PM (IST)
सीतामढ़ी : राजद नेता कामता प्रसाद हत्याकांड में शातिर चिरंजीवी समेत पांच को उम्रकैद
सीतामढ़ी : राजद नेता कामता प्रसाद हत्याकांड में शातिर चिरंजीवी समेत पांच को उम्रकैद

सीतामढ़ी, जेएनएन। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र प्रताप सिंह ने राजद नेता कामता प्रसाद हत्याकांड में शातिर चिरंजीवी सागर उर्फ चिरंजीवी भगत समेत पांच आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। भारी सुरक्षा व्यवस्था और खचाखच भीड़ के बीच दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के हजपुरवा गांव निवासी शातिर चिरंजीवी, नेउरी गांव निवासी अनिल सिंह, सिरखिरिया गांव निवासी कृष्ण कांत केसरी, श्याम राय और चंद्रिका राय को भादवि की धारा 302 और 148 में दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ ही 22-22 हजार रुपये अर्थदंड की भी सजा सुनाई है।

 न्यायाधीश ने चिरंजीवी को 27 आर्म्स एक्ट में भी दोषी पाते हुए तीन वर्ष कारावास व दो हजार रुपये अर्थदंड लगाया है। मामले में सरकार के पक्ष से अपर लोक अभियोजक राधेश्याम सिंह ने पक्ष रखा। जबकि चिरंजीवी सागर की ओर से अधिवक्ता धीरेंद्र ठाकुर ने पक्ष रखा तो चंद्रिका राय, श्याम राय व कृष्णकांत केसरी की ओर से अधिवक्ता श्री गोपाल तथा अनिल सिंह की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र तिवारी ने पक्ष रखा।

 इस मामले के एक आरोपी मंटू राय को 1 अप्रैल 2015 को तत्कालीन प्रथम तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इरशाद अली ने रून्नीसैदपुर थाना के बतरौली निवासी मंटू राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

भूमि विवाद में की गई थी कामता प्रसाद की हत्या

रून्नीसैदपुर थाने के सिरखिरिया गांव में 2 जुलाई 2012 को गोली मार कर राजद नेता कामता प्रसाद को जख्मी कर दिया गया था। वारदात को उस वक्त अंजाम दिया गया था जब वे बाजार से सब्जी खरीद कर घर लौट रहे थे। जख्मी कामता की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। घटना की बाबत मृतक के पुत्र नीतेश कुमार ने रून्नीसैदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें कुख्यात चिरंजीवी सागर, मंटू राय, शैलेंद्र कुमार, अनिल सिंह, कृष्ण कांत केसरी, श्याम राय और चंद्रिका राय समेत आठ को आरोपित किया था। घटना का कारण भूमि विवाद बताया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की थी। इसके बाद चिरंजीवी समेत आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था। पिछले कुछ समय से मामले का ट्रायल चल रहा था।

शातिर अपराधी रहा है चिरंजीवी

चिरंजीवी सागर इलाके में अपराध का पर्याय रहा है। छोटी सी उम्र में उसने इलाके में हत्या, लूट और रंगदारी के दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया। वह संतोष झा गिरोह का शातिर शूटर रहा। सड़क निर्माता एजेंसी के अधिकारी और संवेदकों की हत्या के कई मामले उस पर दर्ज हैं। उसे नेपाल से गिरफ्तार किया गया था। उसने जेल के भीतर से ही कई वारदातों को अंजाम दिया। सुरक्षा कारणों से उसे केंद्रीय कारा स्थानांतरित कर दिया गया था।

मासूम की हत्या मामले में दो को आजीवन कारावास

मुकदमा नहीं हटाने के विरोध में मासूम की हत्या कर शव जलाने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय शिव कुमार शुक्ला ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं 20-20 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है। न्यायाधीश ने सहियारा थाने के मटियार कला गांव निवासी श्याम कुमार गामी और जगदीश साह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में अपर लोक अभियोजक अरविंद कुमार ठाकुर ने बहस की।

 बताते चलें कि मटियारकला निवासी राम एकवाल महतो का गांव के श्याम कुमार गामी के साथ मुकदमा चल रहा था। मुकदमे में सुलह नहीं लगाने पर श्याम कुमार गामी ने बेटे की हत्या की धमकी दी थी। इस क्रम में 12 दिसंबर 2013 को राम एकबाल महतो के पुत्र राहुल कुमार की आरोपियों ने हत्या कर दी, शव को धान के खेत में जला दिया। आरोपियों ने राहुल को स्कूल जाते वक्त पकड़ हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। घटना की बाबत राहुल के पिता ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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