जानें मुजफ्फरपुर में क्यों पूरी नहीं हुई एक भी स्मार्ट सिटी की योजना

स्मार्ट सिटी से जुड़ी योजनाओं की समय अवधि हाल में बढ़ायी गई। इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर अब तक 84 करोड़ की राशि खर्च हुई है। वहीं अलग-अलग योजनाओं की डीपीआर तैयार करने पर 1.45 करोड़ अनुमानित राशि है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 11:50 AM (IST) Updated:Mon, 17 Jan 2022 11:50 AM (IST)
जानें मुजफ्फरपुर में क्यों पूरी नहीं हुई एक भी स्मार्ट सिटी की योजना
सूचना के अधिकार के तहत स्मार्ट सिटी कंपनी के पदाधिकारियों ने दी जानकारी।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। चार साल पहले शहर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में हुआ था। शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 1,580 करोड़ की योजना मंजूर की गई थी। चार साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी स्मार्ट सिटी की एक भी योजना पूरी नहीं हो पाई है। इसके नाम पर अब तक 84 करोड़ रुपये जरूर खर्च हो गए हैं। स्मार्ट सिटी कंपनी के पदाधिकारियों का दावा है कि संबंधित एजेंसी को दिए गए कार्यादेश के अनुसार समय अवधि बची हुई है। सूचना के अधिकार के तहत राजेश कुमार द्वारा मांगी गई जानकारी के जवाब में मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी कंपनी प्रा.लि. के पदाधिकारी की ओर से यह जानकारी उपलब्ध कराई गई है। 

स्मार्ट सिटी से जुड़ी कई योजनाओं की समय अवधि हाल में बढ़ायी गई है। इसके साथ ही एक सवाल के जवाब में बताया गया है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर अब तक 84 करोड़ की राशि खर्च हुई है। वहीं अलग-अलग योजनाओं की डीपीआर तैयार करने पर 1.45 करोड़ अनुमानित राशि है। एक सूचना के जवाब में स्मार्ट सिटी के पदाधिकारी ने बताया है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर अतिक्रमण के कारण बाधा आ रही है, लेकिन इसे दूर करने में प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा हैं। योजना में किस कारण से देरी हुई, इसके लिए कौन जिम्मेवार है जैसे कुछ सवालों का जवाब नहीं देते हुए कंपनी के पदाधिकारी ने उसे यह कहकर टाल दिया है कि उसे सवाल समझ नहीं आ पाया।  

परिणाम नहीं सुधरा तो 26 जनवरी को विश्वविद्यालय में छात्र करेंगे झंडोत्तोलन

जासं, मुजफ्फरपुर : स्नातक प्रथम वर्ष व पीजी फस्र्ट सेमेस्टर के परिणाम में हुई गड़बड़ी में सुधार को लेकर छात्र हम ने मोर्चा खोल दिया है। छात्र हम के प्रदेश अध्यक्ष संकेत मिश्रा ने कहा कि परिणाम में हुई गड़बड़ी को यदि 25 जनवरी तक नहीं सुधारा जाता है तो 26 को विवि में छात्र झंडोत्तोलन करेंगे। कहा कि विवि प्रशासन कुंभकरणी नींद में सोई हुई है। जिस समय छात्रों के प्रवेशपत्र में त्रुटियां आईं उस समय ही यदि छात्रों के भविष्य को देखते हुए विवि चेत गई होती तो आज यह दिन छात्रों के साथ नहीं होता। पीजी में कई विभाग ऐसे हैं जिसमें 160 छात्रों में 140 छात्रों का रिजल्ट फंस गया है। कई विषयों में एवरेज मार्किंग की गई है। ऐसे में बिहार विश्वविद्यालय प्रशासन से छात्र ङ्क्षहदुस्तानी आवाम मोर्चा ने मांग की है कि 25 जनवरी तक छात्रों का स्नातक पार्ट वन व पीजी फस्र्ट सेमेस्टर का रिजल्ट सही नहीं हुआ तो 26 जनवरी को विश्वविद्यालय प्रशासन की जगह छात्र झंडा फहराएंगे।

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