पश्चिम चंपारण में दस लाख नकद रुपये के साथ पकड़े गए जदयू नेता के पुत्र, कार जब्त
वाहन जांच के दौरान रुपया बरामद। सूचना पर पहुंचे आयकर विभाग के अधिकारी। जांच शुरू। जांच में पूर्व नगर पार्षद जिम्मेवार माने जाएंगे तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। पश्चिम चंपारण में बेतिया नगर परिषद क्षेत्र के एक पूर्व पार्षद को दस लाख नकद रुपये के साथ पुलिस ने मंगलवार को पकड़ा है। मझौलिया थाने की पुलिस ने वाहन जांच के दौरान पूर्व पार्षद को रुपये के साथ हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए पूर्व पार्षद सुशील कुमार गुप्ता है जो जदयू नेता शंभू गुप्ता के पुत्र हैं। साथ ही उनकी जाइलो कार को भी जब्त कर लिया है। वहीं मझौलिया पुलिस की सूचना पर आयकर विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
थानाध्यक्ष कृष्ण मुरारी गुप्ता ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की जांच चल रही है। अगर जांच में पूर्व नगर पार्षद जिम्मेवार माने जाएंगे तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। बताया जाता है कि मझौलिया थाने के अवर निरीक्षक जोगिंदर सिंह दल बल के साथ थाना क्षेत्र के राजघाट पुल के समीप मंगलवार को पुलिस वाहन जांच कर रही थी। इसी दौरान एक कार आई। जब जांच की गई तो उसमें दस लाख नकद रुपये पाए गए।
तब पुलिस ने पूर्व नगर पार्षद को अपनी अभिरक्षा में ले लिया। थानाध्यक्ष ने बताया कि सुशील गुप्ता दिल्ली नंबर की जाइलो गाड़ी से सुगौली की ओर से आ रहे थे। तलाशी के दौरान उसकी कार में रखें 500 नोट के 20 बंडल बरामद हुए, जिसकी गिनती करने पर दस लाख रुपये बरामद हुए। इसकी सूचना थानाध्यक्ष ने वरीय अधिकारियों के साथ साथ आयकर अधिकारियों को भी दी। इस आलोक में आयकर अधिकारी अनुज कुमार सिंह एवं आयकर निरीक्षक पंकज कुमार मझौलिया थाना पहुंचकर रुपये की जांच पड़ताल में जुट गए हैं।
साथ ही पूर्व नगर पार्षद से पुलिस व आयकर की टीम आवश्यक पूछताछ करने में जुट गई है। दूसरी ओर पूर्व नगर पार्षद का कहना है कि वे सुगौली निवासी विक्रमादेव प्रसाद से चार कट्ठा जमीन खरीदने के लिए दस लाख रुपया एडवांस में दिया था। ससमय काम पूर्ण नहीं होने पर वह अपना दिया हुआ एडवांस रुपये लेकर बेतिया लौट रहे थे, इसी क्रम में मझौलिया पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
उन्होंने बताया कि इससे संबंधित जमीन का कागजात एवं सभी सबूत उपलब्ध है। थानाध्यक्ष ने बताया कि जांच के बाद अगर कुछ भी गलत पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी। वैसे भी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता में पचास हजार से अधिक की राशि लेकर चलना उचित नहीं है ।