मुजफ्फरपुर शहर के लिए जाम बड़ी समस्या, नए जनप्रतिनिधि से बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था की उम्मीद

दैनिक जागरण की चुनावी चौपाल मेंं शामिल हुए लोग खुलकर रखीं बातें। शहर को जाम की समस्या से मुक्ति दिलाने वाले जनप्रतिनिधि की चाहत। जाम से आए दिन शहरवासियों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ती है। शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से विफल है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 03:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 03:33 PM (IST)
मुजफ्फरपुर शहर के लिए जाम बड़ी समस्या, नए जनप्रतिनिधि से बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था की उम्मीद
प्रशासन पर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए दबाव बना सकते हैं।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वर्तमान में लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग तो हुए हैं, लेकिन कर्तव्यों को भूल जा रहे है। जाम, साफ-सफाई, सड़क-नाला, जलजमाव व पेयजल संकट शहर की बड़ी समस्याएं हैं। जाम से आए दिन शहरवासियों को घंटों परेशानी झेलनी पड़ती है। शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से विफल है। इसके लिए लोगों में सिविक सेंस की कमी भी जिम्मेवार है। लोग आगे बढऩे की होड़ में नियम-कायदे को ताक पर रख देते हैं। बीच सड़क पर वाहन खड़े कर देते हैं। शहरवासी चाहते हंै कि यातायात व्यवस्था बेहतर बनाई जाए। लोगों को जागरूक किया जाए। यह बातें रविवार को अघोरिया बाजार में दैनिक जागरण के चुनावी चौपाल में सामने आईं। 

चौपाल में शामिल राहुल कुमार ने कहा कि जाम शहरवासियों के लिए नासूर बन चूका है। इसका इलाज होना चाहिए। जनप्रतिनिधि चाहे तो इस समस्या को दूर कर सकता है। मो. महताब ने कहा कि दिन में शहर का हर चौक-चौराहों पूरी तरह से जाम रहता है। इससे निजात दिलाने वाला जनप्रतिनिधि सब चाहते हैं। चंदन कुमार एवं राजा साहेब ने कहा कि जाम का मुख्य कारण अतिक्रमण है। शहर की सड़कें अतिक्रमण के कारण दिन में संकीर्ण हो जाती हैं। वाहनों का चलना मुश्किल हो जाता है। वे ऐसा जनप्रतिनिधि चाहते हैं जो इस गंभीर हो चली समस्या से राहत दिलाए। विशाल कुमार, दीपक राय एवं मनोज गुप्ता ने कहा कि जलजमाव, जर्जर सड़क की तरह जाम भी बड़ी समस्या है। इसके कारण आए दिन लोगों को घंटों सड़कों पर आगे बढऩे के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इससे लोगों को राहत मिलनी चाहिए। लोगों में सिविक सेंस का विकास किया जाना चाहिए। वन वे व्यवस्था मजबूती से लागू होनी चाहिए। यातायात नियमों को तोडऩे वालों पर बिना भेदभाव कार्रवाई की जानी चाहिए। जनप्रतिनिधि इसमें अहम रोल अदा कर सकते हैं। प्रशासन पर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए दबाव बना सकते हैं।  

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