मुजफ्फरपुर शहर की हवा में बढ़ने लगे धूलकण, सांसों में घुल रहा जहर
मुजफ्फरपुर में उत्सर्जन, अनियंत्रित यातायात और धुआं वाले पटाखों के कारण प्रदूषण बढ़ा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. एसएन जायसवाल ने कहा स्थिति चिंताजनक है।
मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। जिले का प्रदूषण स्तर लगातार खतरनाक जोन में है। वेदर क्वालिटी में गिरावट, वाहनों से होनेवाले उत्सर्जन, अनियंत्रित यातायात व धुआं वाले पटाखे से स्थिति दिनोंदिन खराब होती जा रही। बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मुजफ्फरपुर का एक्यूआइ 344 के आसपास है, जबकि पटना 352 पर। इससे पहले जिले का एक्यूआइ नौ नवंबर को 371 व आठ नवंबर को 388 पर पहुंच गया था। तापमान व हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषित पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) बढऩे लगे हैं। इधर, अचानक प्रदूषण स्तर बढऩे से सांस संबंधी मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि तीन-चार दिनों में अस्पताल से लेकर क्लीनिक तक में सांस संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
क्या है एक्यूआइ
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) सरकारी एजेंसियों द्वारा उपयोग की जानेवाली संख्या है। अलग-अलग देशों में अपने स्वयं के वायु गुणवत्ता सूचकांक होते हैं जो विभिन्न राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता मानकों के अनुरूप होते हैं। एक्यूआइ वायु उत्सर्जन पर निर्भर करता है।
यह है एक्यूआइ का मानक
एक्यूआइ का स्तर 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक स्तर होता है और 101 से 200 के बीच इसे मध्यम श्रेणी में रखा जाता है। 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच अत्यंत गंभीर स्तर पर माना जाता है।
पिछले साल की रिपोर्ट खराब
सेंटर फॉर इन्वायर्नमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने बताया कि पिछले साल भी प्रदूषण खराब स्तर पर था। पिछले साल दीपावली के पहले व बाद में मुजफ्फरपुर की एयर क्वालिटी में आंके गए प्रदूषित पार्टिकुलेट मैटर का स्तर राष्ट्रीय औसत से दो से तीन गुना ज्यादा था। 2017 में 16 से 22 अक्टूबर के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'खराब' से 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया था।
दिए गए ये सुझाव
- वाहनों की नियमित प्रदूषण जांच कराते रहें।
- शहर में अनियंत्रित यातायात नहीं हो, इसका पूरा ख्याल रखें। जाम में वाहनों को बंद कर दें।
- घर से निकलने वाले कचरे को खुले में इधर-उधर नहीं जलाएं।
इस तरह रही प्रदूषण की चाल
तिथि -एक्यूआइ
10 नवंबर-344
09 नवंबर-371
08 नवंबर-388
07 नवंबर-256
06 नवंबर-307
05 नवंबर-381
04 नवंबर-330
03 नवंबर-313
02 नवंबर-256
01 नवंबर-183
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. एसएन जायसवाल ने कहा कि मुजफ्फरपुर का एक्यूआइ बहुत खराब श्रेणी में चल रहा। यह चिंताजनक स्थिति है। प्रदूषण स्तर को कम करने के लिए सामूहिक पहल जरूरी है।