आम और लीची के मंजर रोगग्रस्त हो गए हों तो इस रसायन का करें छिड़काव, बेहतर परिणाम मिलेंगे

राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक ने किसानों को दिए टिप्स। कहा बाग में नमी की कमी होने पर हल्की सिंचाई करें।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Fri, 03 Apr 2020 03:50 PM (IST) Updated:Fri, 03 Apr 2020 03:50 PM (IST)
आम और लीची के मंजर रोगग्रस्त हो गए हों तो इस रसायन का करें छिड़काव, बेहतर परिणाम मिलेंगे
आम और लीची के मंजर रोगग्रस्त हो गए हों तो इस रसायन का करें छिड़काव, बेहतर परिणाम मिलेंगे

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लॉकडाउन का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। इस दौरान आम व लीची की बेहतर देखभाल के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के वैज्ञानिकों ने किसानों को कई टिप्स दिए हैं। वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि इस साल लीची की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। बाग में नमी की कमी होने पर हल्की सिंचाई करें।

  पेड़ के नीचे सुखी पत्तियों एवं घास फूस की मल्च बिछाए। शाही किस्म की लीची में फल गिरने की समस्या को रोकने के लिए प्लानोफिक्स को 2 मिलीलीटर को 5 लिटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करे। चाईना किस्म में 10-15 अप्रैल तक छिड़काव करे। लीची में प्रति पौधा के हिसाब से 300 ग्राम यूरिया एवं 200 ग्राम पोटाश को सिंचाई जल में मिलाकर छिड़काव करने से फल बड़े एवं कम गिरते है।

   फल बेधक के नियंत्रण के लिए थियाक्लोप्रीड 0.75 मिलीलीटर या नोभाल्यूरान 1.5 मि. लीटर को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे। इसके साथ स्टिकर (सैंडोवीट) 2 से 3 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी में अवश्य मिलाएं। फलों से फटने से बचाने के लिए बोरक्स 4 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर 15 अप्रैल तक छिड़काव करें। वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि आम के बाग में मंजर के काला हो जाने पर हेक्साकोनाजोल 1 ग्राम प्रति लीटर या गंधक 2 ग्राम पार्टी लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

आम के बौर मे भुंगा से बचाव हेतु थायोमेथोक्साम (25डबल्यूजी) 2 ग्राम 10 लीटर पानी मे या फिप्रोनिल 2 मिलीलिटर दवा एक लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करे। उपयुक्त दवा नहीं मिले तो इमिडाक्लोप्रिड 5 मिलीलीटर 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते है। इस दवा का उपयोग कर सफेद मिली बग (गुजिया कीट) पर भी नियंत्रण कर सकते हैं।

डॉ. सिंह के अनुसार जिन आम के बाग में हर साल फल नहीं आते हैं उनमें पैक्लोव्यूट्राजल (कल्टार की नाम से आती है यह दवा) का 22 मिली लीटर प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से नए कल्ले की वृद्धि को प्रेरित करने के लिए उपयुक्त पाया गया। आम के मंजर अगर गहरे भूरे रंग के हो रहे हो और फूल झड़ रहे हो तो थायोफनेट मिथाईल 1 ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें। जबकि, आम के फल को गिरने से रोकने के लिए प्लानोफिक्स का 90 मिलीलीटर 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

इन नंबरों पर जानकारी ले सकते किसान

किसानों को जब भी जरूरत हो लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशाल नाथ को 9431813884, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शेषधर पांडेय को 9835274642 एवं पौध रोग वरीय वैज्ञानिक डॉ. विनोद कुमार को 9161601599 पर कॉल कर जानकारी ले सकते हैं।

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