वाणिज्य विषय के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने को हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर करने का दिया समय

अधिवक्ता नलिन कुमार ने न्यायालय को बताया कि वर्तमान में राज्य के सभी पंचायतों में मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 06:19 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 06:19 PM (IST)
वाणिज्य विषय के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने को हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर करने का दिया समय
वाणिज्य विषय के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित करने को हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में शपथ पत्र दायर करने का दिया समय

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के लिए आयोजित होने वाले पात्रता परीक्षा (एसटीइटी) आयोजित करने के लिए वाणिज्य विषय के अभ्यर्थियों की ओर से पटना उच्च न्यायालय के समक्ष दायर याचिका की शुक्रवार को सुनवाई हुई। कॉमर्स के अभ्यर्थी पंकज कुमार ने बताया कि याचिकाकर्ताओं अजय कुमार एवं अन्य के तरफ से उनके अधिवक्ता नलिन कुमार ने न्यायालय को बताया कि वर्तमान में राज्य के सभी पंचायतों में मध्य विद्यालयों को उच्च विद्यालयों में उत्क्रमित किया गया है। लेकिन,शिक्षकों की घोर कमी है। इस कारण इन उच्च विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के विरुद्ध कक्षा 1 से 5 तक को पढ़ाने के लिए नियुक्त शिक्षकों को उच्च विद्यालयों में प्रतिनियुक्त किया गया है। 

माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी

जो कि उच्च स्तर पर पढ़ाने की पात्रता नहीं रखते हैं। इसके अतिरिक्त उच्च तथा उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की घोर कमी है, खास कर वाणिज्य विषय में। दूसरे तरफ वाणिज्य विषय में स्नातक / परास्नातक एवं बी एड योग्यताधारी शिक्षक अभ्यर्थियों का 2011 के बाद अब तक पात्रता परीक्षा का आयोजन नहीं किया गया है।जबकि संबंधित नियमावली में पात्रता परीक्षा का प्रति वर्ष आयोजन किया जाना अनिवार्य है। न्यायालय को अधिवक्ता द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार के उदासीनता के कारण राज्य के छात्रों को वाणिज्य जैसे अति महत्वपूर्ण विषय का माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तर पर शिक्षा ग्रहण करने से वंचित किया जा रहा है। सुनवाई के बाद इस मामले में संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार तथा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को चार सप्ताह के भीतर प्रति-शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है। 

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