कुढऩी स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से छात्रा की मौत, लोको पायलट व गार्ड को पीटा

03 घंटे तक रुकी रहीं ट्रेनें, परिचालन बाधित, लोगों ने सवारी ट्रेन को घेरा। पैनल केबिन में घुसकर स्टेशन मास्टर और अन्य कर्मियों के साथ मारपीट।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 09:57 PM (IST) Updated:Tue, 12 Feb 2019 09:57 PM (IST)
कुढऩी स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से छात्रा की मौत, लोको पायलट व गार्ड को पीटा
कुढऩी स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आने से छात्रा की मौत, लोको पायलट व गार्ड को पीटा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। हाजीपुर रेलमार्ग में कुढऩी स्टेशन पर नौवीं कक्षा की एक छात्रा ट्रेन की चपेट में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उसके दोनों पांव व एक हाथ कट गए। उसे कुढऩी पीएचसी में भर्ती कराया गया। वहां से बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। घटना मंगलवार सुबह 10 बजे की है। छात्रा कुढऩी निवासी शीतेश महतो की 14 वर्षीय पुत्री पूजा कुमारी थी।

 वह मुजफ्फरपुर जाने के लिए स्टेशन पहुंची थी। उसके पर्स से रेल टिकट बरामद किया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्रैक पार करने के दौरान यह हादसा हुआ। उसके साथ कई और छात्राएं भी थीं। हादसे की सूचना मिलने पर सैकड़ों ग्रामीण स्टेशन पर पहुंच गए। वहां जमकर बवाल शुरू कर दिया। भय से ट्रेन में सवार यात्री भाग खड़े हुए। आक्रोशित लोगों ने उक्त ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड को बंधक बना लिया।

 दोनों की बेरहमी से पिटाई कर दी। कुछ ग्रामीण पैनल केबिन में घुसकर स्टेशन मास्टर और अन्य कर्मियों के साथ मारपीट करने लगे। इधर, जान बचाने के लिए लोको पायलट और गार्ड स्टेशन मास्टर के कमरे में घुस गए। इसकी भनक लोगों को लग गई। वे वहां भी पहुंच गए और दरवाजा तोडऩे की कोशिश की।

कार्रवाई की करते रहे मांग

इस दौरान ट्रैक बाधित हो गया। करीब तीन घंटे तक विभिन्न स्टेशनों पर गाडिय़ां रुकी रहीं। सूचना पर यातायात निरीक्षक आमोद कुमार, आरपीएफ सहायक कमांडेंट कुमार सुरेंद्र शर्मा, इंस्पेक्टर वेदप्रकाश वर्मा, रेल थानाध्यक्ष अच्छेलाल सिंह यादव दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। वे मुआवजे और रेलकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते रहे।

दोबारा शव लेकर पहुंचे ग्रामीण

आरपीएफ इंस्पेक्टर ने कहा कि ग्रामीण दोबारा शाम में शव लेकर कुढऩी स्टेशन पर पहुंच गए और मुआवजे की मांग करने लगे। इस दौरान भी ट्रैक जाम करने की कोशिश की गई। लेकिन, ऐसे हादसों में रेलवे की तरफ से मुआवजे का प्रावधान नहीं होने के कारण विभागीय मदद नहीं की जा सकी। बाद में दर्जन भर रेलकर्मियों और जवानों ने सहयोग राशि जमा कर पीडि़त परिवार को दस हजार की राशि दी।

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