शैक्षणिक संस्थानों के विकास के हिमायती थे पूर्व केंद्रीय मंत्री और चर्चित अधिवक्ता राम जेठमलानी Samastipur News

उजियारपुर के चंदौली स्थित महंत नारायण दास महाविद्यालय के विकास में उनका रहा बड़ा योगदान। पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह से था नजदीकी रिश्ता जेठमलानी के निधन से आहत।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 08 Sep 2019 01:53 PM (IST) Updated:Sun, 08 Sep 2019 01:53 PM (IST)
शैक्षणिक संस्थानों के विकास के हिमायती थे पूर्व केंद्रीय मंत्री और चर्चित अधिवक्ता राम जेठमलानी Samastipur News
शैक्षणिक संस्थानों के विकास के हिमायती थे पूर्व केंद्रीय मंत्री और चर्चित अधिवक्ता राम जेठमलानी Samastipur News

समस्तीपुर, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सदस्य और चर्चित अधिवक्ता राम जेठमलानी शैक्षणिक संस्थानों के विकास के हिमायती थे। वे चाहते थे कि शैक्षणिक संस्थान ज्यादा से ज्यादा मजबूत हों। पठन-पाठन का माहौल बेहतर हो सके। यही वजह रही कि उन्होंने अपनी सांसद निधि से समस्तीपुर के दो शैक्षणिक संस्थानों को राशि उपलब्ध कराई थी। उजियारपुर के चंदौली स्थित महंत नारायण दास महाविद्यालय के अध्यक्ष और पूर्व विधायक दुर्गा प्रसाद सिंह जिले के शैक्षणिक संस्थानों के लिए उनके किए गए प्रयासों को याद करते हैं। वे उनसे कई बार मिल चुके हैं। कहते हैं कि राज जेठमलानी के निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है।

सड़क उद्घाटन के लिए आने का किया था वादा

पूर्व विधायक बताते हैं कि पिछले साल उन्होंने कॉलेज के विकास के लिए आर्थिक मदद मांगी। उन्होंने तुरंत 30 लाख रुपये की अनुशंसा कर दी। साथ ही, अगले साल 50 लाख रुपये सांसद निधि से कॉलेज को देने का आश्वासन दिया था। यह भी कहा था कि कॉलेज कैंपस में बन रही सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा तो वे इसका उद्घाटन करने जरूर आएंगे। सड़क निर्माण कार्य पूरा हो गया। परंतु, दुर्भाग्य से वे अब नहीं रहे। यह दुखद क्षण है।

जेठमलानी के नाम पर सड़क और अतिथि गृह

दुर्गा प्रसाद सिंह ने बताया कि उनके द्वारा दी गई राशि से कॉलेज के भवन और सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। सड़क का नामकरण राम जेठमलानी पथ और अतिथि गृह का नाम राम जेठमलानी अतिथि गृह किया जाएगा। यही उनके लिए श्रद्धांजलि होगी।

विधि महाविद्यालय को भी दी आर्थिक मदद

राम जेठमलानी ने शहर के विधि महाविद्यालय को भी भवन निर्माण के लिए 12 लाख रुपये दिए थे। 2018-19 सत्र में उन्होंने यह राशि उपलब्ध कराई थी। महाविद्यालय से जुड़े और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन सूरज नारायण सिन्हा ने उनके निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताया। कहा कि राम जेठमलानी कानून के ज्ञाता थे। उनका व्यक्तित्व आज के अधिवक्ताओं के लिए अनुकरणीय है।  

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