ओली के बोली का नेपाल में ही विरोध, पूर्व पीएम डॉ. भट्टाराई का ट्वीट- ओली को खुला छोडऩा खतरनाक

अप्रमाणिक बोल से हंसी के पात्र बने नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली। वीरगंज के नागरिक व वाल्मीकि आश्रम के पुजारी बयान से कर रहे किनारा।

By Murari KumarEdited By: Publish:Wed, 15 Jul 2020 05:57 PM (IST) Updated:Wed, 15 Jul 2020 05:57 PM (IST)
ओली के बोली का नेपाल में ही विरोध, पूर्व पीएम डॉ. भट्टाराई का ट्वीट- ओली को खुला छोडऩा खतरनाक
ओली के बोली का नेपाल में ही विरोध, पूर्व पीएम डॉ. भट्टाराई का ट्वीट- ओली को खुला छोडऩा खतरनाक

पूर्वी चंपारण [अनिल तिवारी]। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा भगवान श्रीराम को लेकर दिए गए बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है। उनका जन्मस्थल अयोध्या की जगह नेपाल के वीरगंज स्थित ठोरी बताए जाने से वहीं के लोग आश्चर्यचकित हैं। कई में आक्रोश भी है।

वाल्मीकि आश्रम (नेपाल) के पुजारी शेखर सुवेदी का कहना है कि वे परंपरागत रूप से यहां के पुजारी हैं। इस इलाके में भगवान श्रीराम का जन्म होने कीबात हास्यास्पद है। इसका प्रमाण किसी धर्मशास्त्र या तथ्यों में नजर नहीं आया। भगवान श्रीराम ने अयोध्या में जन्म लिया और उनके परित्याग के बाद माता जानकी ने वाल्मीकि आश्रम में शरण लिया। यहीं पर लव-कुश का जन्म हुआ। इसकी प्रमाणिकता मौजूद है। वीरगंज निवासी समाजवादी जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेश मान सिंह श्रेष्ठ का कहना है कि उन्होंने आजतक अपने पूर्वजों और किसी पुस्तक से यह नहीं जाना कि यहां भगवान श्रीराम का निवास था।

 उनका कहना है कि ओली चीन के मोहपाश में इस कदर डूब गए हैं कि वे भारत के साथ ऐतिहासिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संबंधों को भी तोडऩे के प्रयास से बाज नहीं आ रहे हैं। भारत के भगवान श्रीराम हमारे देश में भी आराध्य हैं। जनकपुर में मां सीता से विवाह के कारण हमारे देश के मेहमान हैं न कि मेजबान।

नेपाल का हिंदू समुदाय भी आहत

अपने प्रधानमंत्री के बयान से नेपाल का हिन्दू समुदाय भी आहत है। हिन्दू परिषद नेपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष पटेल ने कहा कि इस तरह का बयान मानसिक रूप से बीमार आदमी ही दे सकता है। विश्व हिन्दू समुदाय ने प्रधानमंत्री से माफी मांगने को कहा है। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

पूर्व पीएम डॉ. भट्टाराई का ट्वीट, ओली को खुला छोडऩा खतरनाक

ओली के नेतृत्व वाली नेकपा के नेता भी उनके बयान से खुद को अलग कर रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. बाबूराम भट्टराई ने ओली पर तंज कसते हुए उन्हें आधा-कवि की संज्ञा दी है। कहा कि ओलीकृत कलीयुगीन नया रामायण श्रवण करें और सीधे बैकुंठधाम की यात्रा करें। डॉ. भट्टराई ने ट्वीट किया है कि ओली का वचन और कर्म सीमा पार कर रही है। यह खतरनाक है। उन्होंने लिखा कि संसद में सिंहमेव जयते और बेसार-पुराण से लेकर अयोध्या-पुराण तक उनकी चिंतन प्रणाली स्वस्थ नहीं दिख रही है। संसद स्थगन कर अध्यादेश और संकटकाल का खड्ग समेत उनके हाथ में है। अब उन्हें खुला छोडऩा खतरनाक होगा। उपचार खोजा जाए।

पड़ोस के नागरिकों को भड़काना चाह रहे नेपाली पीएम : उपेंद्र

समाजवादी जनता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री ओली का अप्रमाणिक और अप्रासंगिक बयान पड़ोस को भड़काने और सद्भाव बिगाडऩे वाला है। इससे देश की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। 

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