मुजफ्फरपुर के कटरा में खेती योग्य जमीन 22 सौ एकड़, अनुदान छह हजार का वितरित

कृषि अनुदान वितरण में गड़बड़ी के एक मामले में विभाग ने संज्ञान लिया है। मामला कटरा प्रखंड से जुड़ा है। यहां एक पंचायत में कुल कृषि योग्य भूमि से तीन गुना अधिक जमीन पर अनुदान का वितरण करने की शिकायत की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 02:48 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 02:48 AM (IST)
मुजफ्फरपुर के कटरा में खेती योग्य जमीन 22 सौ एकड़, अनुदान छह हजार का वितरित
मुजफ्फरपुर के कटरा में खेती योग्य जमीन 22 सौ एकड़, अनुदान छह हजार का वितरित

मुजफ्फरपुर। कृषि अनुदान वितरण में गड़बड़ी के एक मामले में विभाग ने संज्ञान लिया है। मामला कटरा प्रखंड से जुड़ा है। यहां एक पंचायत में कुल कृषि योग्य भूमि से तीन गुना अधिक जमीन पर अनुदान का वितरण करने की शिकायत की गई है। विभाग ने शिकायतकर्ता से इस मामले में साक्ष्य व रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। ताकि, आगे की कार्रवाई की जाए।

मालूम हो कि मुशहरी के शकींद्र कुमार यादव ने शिकायत की थी कि कटरा प्रखंड की तेहवारा पंचायत में कृषि योग्य भूमि करीब 22 सौ एकड़ ही है। मगर, यहां कृषि अनुदान करीब छह हजार एकड़ जमीन के लिए वितरित कर दिए गए। इसमें महत्वपूर्ण यह है कि अनुदान उन्हें भी दे दिए गए जिन्होंने जमीन बेच दी थी। इस कारण एक ही खाता व खेसरा पर कई लोगों को अनुदान की राशि दे दी गई। शिकायत में कृषि समन्वयक और जिला व प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर कार्रवाई की मांग की गई। विभाग ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया। डीबीटी (डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) कोषांग के वरीय पदाधिकारी ने शिकायतकर्ता से रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है। जिला स्तर पर जांच में नहीं ली गई दिलचस्पी

मामले की शिकायत जिला स्तर पर भी की गई थी। मगर, जांच की जगह जमीन के रकबे की जानकारी नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया गया। जबकि डीबीटी के आधार पर मामले की जांच की जा सकती थी कि एक ही खाता व खेसरा वाली जमीन पर कितने लोगों को अनुदान की राशि दी गई। वहीं यह भी देखा जा सकता था कि जिस खाते में राशि दी गई उसके नाम से जमीन की जमाबंदी अभी चल रही है या नहीं। यह मामला एक ही प्रखंड या पंचायत का नहीं होगा। संभव है कि यह कई पंचायतों में इसी तरह से कृषि इनपुट अनुदान का वितरण किया गया हो।

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