Muzaffarpur Nagar Nigam क्षेत्र में शौचालय बनाने में इंजीनियर फेल, 68 में से मात्र 30 का टेंडर Muzaffarpur News

Muzaffarpur Nagar Nigam 38 चिह्नित जगहों का हो चुका सर्वे अब तक नहीं हो सका टेंडर। 10 में सात जगहों पर शौचालय निर्माणाधीन चार बनकर तैयार।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 02:25 PM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 02:25 PM (IST)
Muzaffarpur Nagar Nigam क्षेत्र में शौचालय बनाने में इंजीनियर फेल, 68 में से मात्र 30 का टेंडर Muzaffarpur News
Muzaffarpur Nagar Nigam क्षेत्र में शौचालय बनाने में इंजीनियर फेल, 68 में से मात्र 30 का टेंडर Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर में सार्वजनिक स्थलों पर एक भी शौचालय नहीं है। शॉपिंग या व्यवसाय के लिए प्रतिदिन हजारों महिला एवं पुरुषों का इन स्थलों पर आना-जाना होता है। लेकिन शौचालय की कमी से परेशानी होती है। नगर निगम इससे निजात दिलाने की पहल पर मंथर गति से काम कर रहा है। पिछले साल निगम की ओर से शहर के 68 सार्वजनिक स्थानों को शौचालय बनाने के लिए चिंह्नित किया गया था। इसमें 30 का ही टेंडर कराया जा सका।

तत्काल 10 जगहों का चयन किया गया। 38 जगहों के लिए निगम के इंजीनियरों ने टेंडर कराया ही नहीं। इधर, चार स्थलों पर निगम की ओर से सार्वजनिक शौचालय बनाया गया है। वार्ड चार के ब्रह्मपुरा नूनफर मोहल्ला, वार्ड 12 में मन के पास, वार्ड 28 चकबासु स्लम बस्ती, वार्ड 45 चंदवारा पानीकल परिसर के समीप इनका निर्माण हुआ है।

ये सारे इलाके मुख्य बाजार से दूर हैं। उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी कहती हैं कि शहर के दस प्रमुख जगहों को चिंह्नित किया गया है। इसमें सात जगहों पर, इमलीचट्टी गुजराती मोहल्ला, सिकंदरपुर सामुदायिक भवन, मुक्तिधाम, सिकंदरपुर स्टेडियम में कचरा पीठ के समीप, खादी भंडार में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण चल रहा है। सार्वजनिक शौचालय बनाने में निगम दूसरे जिलों से दस साल पीछे चल रहा है। पटना, हाजीपुर इसका मुख्य उदाहरण है। जबकि मोतीझील सहित शहर के अन्य हिस्सों में शॉपिंग के लिए सैकड़ों महिलाएं एवं पुरुषों का प्रतिदिन आना-जाना होता है।

शौच के डर से कम पानी पीतीं महिलाएं

शहर में सार्वजनिक शौचालय की बात तो थोड़ी दूर है। नगर निगम कार्यालय परिसर में महिलाओं के लिए एक भी शौचालय नहीं है। इसके कारण महिलाएं कम पानी पी रही हैं। पानी कम पीने से महिलाएं तरह-तरह की बीमारियों की शिकार हो रही हैं। जबकि नगर निगम में दर्जनाधिक महिला कर्मचारी कार्यरत हैं।

ज्यादा जरूरी होने पर मेयर, डिप्टी मेयर या फिर किसी पुरुष शौचालय में जाती हैं। वार्ड पार्षद अर्चना पंडित ने मेयर सुरेश कुमार से इसकी शिकायत की है। उन्होंने शीघ्र बनाने का भरोसा दिया है। नगर निगम सभागार में शुक्रवार को आयोजित यौन उत्पीडऩ से संबंधित कार्यशाला में भी महिलाओं ने डिप्टी मेयर, नगर आयुक्त के समक्ष शौचालय की बात को प्रमुखता से रखीं।

महिलाओं के लिए ग्रीन शौचालय

मार्था फर्रेल फाउंडेशन के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी विकास सिंह ने कहा कि नगर निगम मोतीझील, कल्याणी जैसे जगहों पर सरकारी भूमि उपलब्ध करा दें तो महिलाओं के लिए शीघ्र ग्रीन शौचालय बना देंगे। शहर के सभी वार्डों और सार्वजनिक जगहों पर शौचालय बनाने के लिए सर्वे करके दिया गया। लेकिन निगम प्रशासक की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। जबकि सर्वे हुए सात महीने से अधिक हो गए। उप नगर आयुक्त हीरा कुमारी ने उनसे सर्वे रिपोर्ट की मांग की है।

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