मुजफ्फरपुर में कोरोना जांच के दौरान एक ही फॉर्म पर चढ़ा दिए 17 के नाम, इस तरह हुआ पर्दाफाश
एसकेएमसीएच पहुंची जांच टीम। सभी लाभार्थी का आइडी खोलकर ऑनलाइन जांच की गई। टीम ने डाटा की पड़ताल की भौतिक सत्यापन के लिए कुढऩी पीएचसी प्रभारी के नेतृत्व में टीम गठित।प्राथमिक जांच में कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। जमुई में कोरोना टीकाकरण में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद जिले में हर स्तर पर जांच चल रही है। इस बीच शिकायत मिली कि कुढऩी पीएचसी में 11 जनवरी को शिविर लगाया गया था। आरटीपीसीआर जांच के लिए लगे कैंप में 17 लोगों के फॉर्म में एक ही मोबाइल नंबर दर्ज कर लिया गया है। शिकायत सामने आने के बाद रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसकेएमसीएच पहुंचकर जांच की। लाभुकों की ओर से जांच के लिए सैंपल देने के समय भरे गए सीआरआइ फार्म को खंगाला। सभी लाभार्थी का आइडी खोलकर ऑनलाइन जांच की गई। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिक जांच में कहीं से कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
जांच के लिए बनी टीम
टीम के अलावा कोरोना जांच के नोडल व संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अमिताभ कुमार भी लाभुकों के घर जाकर सभी से जांच संबंधी पूछताछ कर रिपोर्ट लेंगे। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र आलोक ने बताया कि मामला सामने आने के बाद एसकेएमसीएच पहुंचकर एक-एक कागजात की जांच की गई। सभी लोगों की आरटीपीसीआर से जांच कराई गई है। बताया कि सैंपल देने वाले में एक आठ साल की बच्ची भी शामिल है। ऐसे में प्राथमिक जांच में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आया है। बताया कि कैंप में सैंपल लेने के लिए जांच के लिए भरे गए फॉर्म में एक ही परिवार के लोगों के होने की बात सामने आयी है। इसलिए सभी लोगों के फार्म में एक ही मोबाइल नंबर दर्ज करा दिया। इसकी भौतिक सत्यापन कराने के लिए मेडिकल टीम सोमवार को लाभुकों से बात करने के लिए गांव जाएगी।
इस तरह चला मामला
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 11 जनवरी 2020 को कुढनी पीएचसी में कोरोना जांच कैंप में करीब 123 लोगों ने सैंपल दिया था। इसमें 17 लोगों के फॉर्म में एक ही मोबाइल नंबर दर्ज कर करा दिया गया है। मामला सामने आने के बाद भौतिक सत्यापन के लिए कुढऩी पीएचसी प्रभारी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।
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