खाते में गड़बड़ी की वजह से बिहार की पंचायतों को नहीं मिल सके विकास कार्य के लिए जरूरी करोड़ों रुपये

राज्य की 63 ग्राम पंचायत एवं 76 पंचायत समितियों को नहीं मिल पाई राशि। वित्तीय वर्ष 2021-22 का मामला डीपीआरओ से सही खाते की मांगी रिपोर्ट। जिला परिषद का सबसे अधिक 17 करोड़ 44 लाख रुपये विभाग को वापस।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 26 Jun 2022 11:05 AM (IST) Updated:Sun, 26 Jun 2022 11:05 AM (IST)
खाते में गड़बड़ी की वजह से बिहार की पंचायतों को नहीं मिल सके विकास कार्य के लिए जरूरी करोड़ों रुपये
यह राशि 65 करोड़ रुपये से अधिक है। Demo pic

मुजफ्फरपुर, जासं। राज्य की बड़ी संख्या में ग्राम पंचायतें एवं पंचायत समितियों को सरकारी राशि आवंटित नहीं हो सकी। ऐसा इनके खाते में गड़बड़ी को लेकर हुआ है। वित्तीय वर्ष बीतने के बाद भी षष्टम राज्य वित्त आयोग की सीएफएमएस से भेजी राशि खाते में नहीं जाने पर पंचायती राज विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। विभाग के निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी सुभाष कुमार शर्मा ने संबंधित जिलों के डीपीआरओ से खाते की त्रुटियां सही कराकर रिपोर्ट मांगी है। यह राशि 65 करोड़ रुपये से अधिक है। 

लापरवाही से फंसा मामला

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 76 पंचायत समितियां की 55 करोड़ एवं 63 ग्राम पंचायतों की 10 करोड़ से अधिक राशि खाते में नहीं जा सकी है। यह लापरवाही के कारण हुआ है। खाते एवं आइएफएससी कोड में गड़बड़ी पकड़ी गई है। कई खाते ऐसे भी भेज दिए गए जो है ही नहीं। इसमें जिले के कुढऩी प्रखंड की सुस्ता पंचायत भी है, जबकि यहां के लिए भेजे गए करीब 20 लाख रुपये वापस भी हो चुके हैं। इसी तरह के खाते अन्य जिलों की पंचायत के भी हैं। इसके अलावा ऐसे खाते भी उपलब्ध करा दिए गए हैं जो ब्लाक या फ्रीज हैं। विभाग को राशि के असुरक्षित होने की भी आशंका है।

पंचायत समितियों के 55 करोड़ फंसे

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 76 पंचायत समितियों को 55 करोड़ 88 लाख 63 हजार 142 रुपये आवंटित नहीं हो सके। वहीं 63 ग्राम पंचायतों के करोड़ों रुपये फंसे हुए हैं। इनमें से वित्तीय वर्ष समाप्त हो जाने से 52 ग्राम पंचायतों, 24 पंचायत समितियों एवं मुजफ्फरपुर जिला परिषद की राशि विभागीय मेकर की आइडी में वापस भी हो गई है।

निर्माण कार्य पर खर्च होनी थी राशि

जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष इंद्रभूषण ङ्क्षसह अशोक के अनुसार षष्टम राज्य वित्त की राशि से सड़क व नाला निर्माण, नल का जल योजना, खेल से जुड़ीं योजनाओं का विकास एवं मरम्मत कार्य कराए जाने थे। पुराने खाते ही भेजने से इसमें राशि नहीं आई। इससे यह काम रुक गया। विभाग से कई बार पत्राचार के बाद भी राशि नहीं मिल सकी। यह वापस भी हो गई।

जिले की इन पंचायत समितियों व पंचायतों की फंसी राशि

पंचायत : रानीखैरा उर्फ बनुआ, मीनापुर (18,71,853 रुपये), लदौर, गायघाट (17,12,089 रुपये), तेहवारा, कटरा (20,63,756 रुपये), हरिशंकर मनियारी, कुढऩी (16,14,725 रुपये)

पंचायत समिति : सरैया (1,32,86,103 रुपये), कुढऩी (1,68,92,797 रुपये)

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यहां की लौटी राशि

पंचायत : सिमरा चकश्रीनाथ, बंदरा (15,17,989 रुपये), देवगन (19,72,351 रुपये) एवं लोहसरी, बोचहां(9,97,116रुपये), मझौलिया, सकरा (18,40,496 रुपये), सुस्ता, कुढऩी (20,44,630 रुपये), झिटकाहीं मधुबन (16,12,498 रुपये), बड़ा भारती (20,14,840रुपये), पिपराहां असली (19,82,200 रुपये)

पंचायत समितियां : मीनापुर (64,81,956 रुपये), मुशहरी (66,64,075 रुपये)।

जिला परिषद, मुजफ्फरपुर : 17,44,91,021 रुपये  

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