Webinar: डॉ.राकेश बोले- गांधी के सपनों का भारत के लिए स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा जरूरी
आरडीएस कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का समापन। डॉ.राकेश Dr Rakesh said that indigenous tradition is necessary for Gandhi dream India ने अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। रामदयालु सिंह महाविद्यालय और दर्शन परिषद बिहार के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का गुरुवार को समापन हो गया। प्राचार्य डॉ.ओम प्रकाश सिंह ने अतिथि वक्ताओं का स्वागत किया।
मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र के प्राध्यापक डॉ.अरविंद गुप्ता और अतिथि वक्ता विवि संरक्षक डॉ.राकेश Dr Rakesh said that indigenous tradition is necessary for Gandhi dream India ने अपने-अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। डॉ.अरविंद ने समकालीन भारतीय सामाजिक-राजनीतिक-दृश्य और आत्मनिर्भर संकल्पना के मध्य दार्शनिक अवधारणाओं के आधार पर सम्यक समाधान तलाशने पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ.राकेश ङ्क्षसह ने कहा कि अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्यायों को उजागर करते हुए लघु व कुटीर उद्योग, स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा जरूरी है।
गांधी के सपनों का भारत सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. इंद्रा कुमारी ने वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय देते वेबिनार से जुडऩे वाले सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। समन्वयक डॉ.पयोली ने बताया कि वेबिनार में देशभर से 1000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रतिभागी भी इसका हिस्सा बने। डॉ.रेखा श्रीवास्तव ने दोपहर दो से शाम पांच बजे के बीच आयोजित तकनीकी सत्र का संचालन किया। इसमें 250 से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण आलेख का वाचन किया गया।
कार्यक्रम संयोजक डॉ.रमेश कुमार विश्वकर्मा ने वेबिनार से जुड़ीं सभी योजनाएं बताईं। डॉ.रमेश ने बताया कि सत्र को पांच उपविषयों में बांटकर सभी पेपर प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को पांच ग्रुप में विभाजित कर समानांतर रूप से चलाया गया। इसमें तकनीकी एक्सपर्ट के रूप में प्रो.राजीव कुमार, डॉ.शैल कुमारी, डॉ.रेणु बाला, डॉ.अनुराधा पाठक व डॉ. रेखा श्रीवास्तव रहीं। सत्र के बाद प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए।