बीआरए बिहार विश्वविद्यालय: पीजी हिंदी विभाग में बनेगा दिनकर उद्यान, लगेगी राष्ट्रकवि की प्रतिमा

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पीजी हिंदी विभाग में दिनकर उद्यान बनाया जाएगा राष्ट्रकवि दिनकर की प्रतिमा भी लगेगी। विभाग की ऊपरी मंजिल पर होगा दिनकर सभागार का निर्माण।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 14 Feb 2020 08:17 AM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 08:17 AM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय: पीजी हिंदी विभाग में बनेगा दिनकर उद्यान, लगेगी राष्ट्रकवि की प्रतिमा
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय: पीजी हिंदी विभाग में बनेगा दिनकर उद्यान, लगेगी राष्ट्रकवि की प्रतिमा

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ङ्क्षहदी विभाग के प्रांगण का शीघ्र ही कायाकल्प होगा। इसको लेकर कवायद शुरू हो गई है। विभाग के प्रांगण में राष्ट्रकवि और पूर्व विभागाध्यक्ष रामधारी सिंह दिनकर के नाम से उद्यान बनाया जाएगा। इसमें आकर्षक पौधे और पुष्पों का समायोजन किया जाएगा। साथ ही विभाग के बाहर पोर्टिको में राष्ट्रकवि की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।

रामधारी सिंह दिनकर ने स्नातकोत्तर हिंदी विभाग को समृद्ध बनाने को लेकर काफी प्रयास किया था। उनकी ऐतिहासिक यादें आज भी विभाग में ताजा हैं। आनेवाली विद्यार्थी और शिक्षक गर्व से कह सकें कि हम उस विभाग से जुड़े हैं जहां दिनकर विभागाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। नए ङ्क्षहदी विभागाध्यक्ष डॉ.सतीश कुमार राय ने बताया कि विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर इसमें सहयोग करेंगे। ऊपरी तल पर दिनकर सभागार बनाने की योजना है। उस ओर विचार किया जा रहा है। विभाग की घेराबंदी भी की जाएगी।

लेक्चर हॉल का किया गया नामकरण

विभाग के विभिन्न लेक्चर हॉल और कक्षाओं का नामकरण किया गया है। पूर्व विभागाध्यक्षों के नाम पर कक्षों का नामकरण किया गया है। विभाग को समृद्ध बनाने और दिनकर की यादों को सहेजने के लिए प्रयास चल रहा है। 

बीएड में नामांकन के लिए विकल्प बढ़ाने की मांग

पिछले दो सत्रों से कई बीएड कॉलेजों में सीट रिक्त रह जा रहे हैं। इसको लेकर राजभवन ने बीआरए बिहार विवि को पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि सत्र 2018-20 में कई कॉलेजों में नामांकन कम हुआ और सीट रिक्त रह गए। इसका कारण बताया गया कि विद्यार्थियों को ज्यादा विकल्प नहीं दिया गया, इस कारण काफी विद्यार्थियों ने नामांकन नहीं लिया।

 इसके बाद राजभवन की ओर से इस सत्र से बीएड में विकल्पों की संख्या बढ़ाने को कहा है ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी नामांकन ले सकें और सीट रिक्त नहीं रहे। साथ ही नामांकन के लिए काउंसिलिंग कई चरणों में आयोजित कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही अलग-अलग बिंदुओं पर कॉलेजों में जांच करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि इस बार सूबे में बीएड में नामांकन के लिए केंद्रीकृत परीक्षा का आयोजन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा करा रहा है।

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