फर्जीवाड़ा में धराए दो कोचिंग संचालक को जेल

फर्जी तरीके से कोचिंग चलाने में धराए छाता चौक और मिठनपुरा स्थित ब्रिटिश लिंगुआ के संचालक चंदन झा और अंजीत कुमार झा को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया

By Edited By: Publish:Fri, 21 Oct 2016 01:41 AM (IST) Updated:Fri, 21 Oct 2016 01:41 AM (IST)
फर्जीवाड़ा में धराए दो कोचिंग संचालक को जेल

मुजफ्फरपुर। फर्जी तरीके से कोचिंग चलाने में धराए छाता चौक और मिठनपुरा स्थित ब्रिटिश लिंगुआ के संचालक चंदन झा और अंजीत कुमार झा को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया। वहां से जेल भेज दिया गया। दोनों आरोपियों को काजीमोहम्मदपुर थाने की पुलिस ने बुधवार को कोचिंग से गिरफ्तार किया था। पूछताछ व कागजात की जांच पर कोचिंग को फर्जी तरीके से चलाने की बात सामने आई। बुधवार को बीरबल एकेडमी एंड प्रा. लि. एवं ब्रिटिश लिंगुआ के मालिक बीरबल झा ने काजीमोहम्मदपुर थाने में पांच लोगों को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने दोनों संस्थान में छापेमारी कर सारा सामान जब्त कर कोचिंग को सील कर दिया था।

छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

प्राथमिकी में कहा गया है कि दोनों आरोपी दो साल पूर्व दोनों संस्थान में कर्मचारी थे। लेकिन कंपनी में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने पर दोनों को नौकरी से निकाल दिया गया था। उसके बाद दोनों ने ट्रेडमार्क और कॉपीराइट का उल्लंघन किया। ब्रिटिश लिंगुआ ब्रांड को अपना बताकर लाखों रुपये का गबन कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया। कंपनी का पंजीकरण फर्जी तरीके से मूल संस्थान के पते पर करा लिया।

प्राथमिकी में यह बात आई सामने

प्राथमिकी में कोचिंग संचालक समेत दो मकान मालिक और एक गैरकानूनी तरीके से छपाई का काम करने वाले को आरोपी बनाया गया था। दोनों मकान मालिकों ने गैरकानूनी काम करने के लिए कमरा किराया पर दे रखा था। दोनों आरोपी खुद को संस्थान का असली मालिक बताकर लाखों रुपये अवैध तरीके से ऐंठ रहे थे। छात्रों को दावा करते थे कि उनका ब्रांच दिल्ली और पटना में भी है। जबकि दिल्ली और पटना में मूल संस्थान का ब्रांच है। आरोपी चंदन ने सर्विस विभाग को दिए बयान में खुद को संस्थान का मुलाजिम बताया था।

कोर्ट में हुआ था मामला दर्ज

दो माह पूर्व एक छात्रा ने दिल्ली में संस्थान के निदेशक बीरबल झा को उक्त कोचिंग के बारे में बताया था। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में मामला दायर किया। कोर्ट की सुनवाई के बाद मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस पदाधिकारी को उक्त फर्जी कोचिंग को सील कराने का निर्देश मिला था।

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