Delhi Anaj Mandi Fire: जैसे-जैसे घर पहुंच रहा मृतकों का शव, परिजनों के चीत्कार से गूंज रहा गांव...

दिल्ली अग्निकांड में मो. हासिम के बेटे एहसान और मो. शब्बीर के बेटे खालिद की जलकर हो गई थी मौत। उन दोनों के शव आज लाए गए। मृतकों के स्वजन को मिली सहायता राशि।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 07:11 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 07:11 PM (IST)
Delhi Anaj Mandi Fire: जैसे-जैसे घर पहुंच रहा मृतकों का शव, परिजनों के चीत्कार से गूंज रहा गांव...
Delhi Anaj Mandi Fire: जैसे-जैसे घर पहुंच रहा मृतकों का शव, परिजनों के चीत्कार से गूंज रहा गांव...

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। दिल्‍ली अनाज मंडी में लगी भीषण आग में उत्तर बिहार के मृत युवकों  का शव उनके गांव लाया जा रहा है। मंगलवार को समस्‍तीपुर के बेलाही में दो युवकों का शव आया। वहीं, देर शाम मधुबनी के साकिर का शव कलुआही के मलमल गांव पहुंचा। शव पहुंचते ही शोक में पूरा गांव डूब गया। परिजनों के चीत्‍कार से सभी की आंखें नम हो गई।

समस्‍तीपुर के बेलाही में पहुंचा दो युवकों का शव 

दरभंगा जिले से सटा प्रखंड का सुदूरवर्ती गांव बेलाही। 50 से 60 परिवार यहां रहते हैं। अधिकतर लोग मजदूरी करते हैं। कुछ युवा दूसरे शहरों में मजदूरी कर घर-परिवार चलाते हैं। रविवार को दिल्ली अग्निकांड में यहां के दो युवकों की मौत के बाद मातम और सन्नाटा है। लेकिन, मंगलवार की दोपहर यह खामोशी टूटी। एक बार फिर चीख-पुकार मची।

 गांव के मो. हासिम के बेटे एहसान और मो. शब्बीर के बेटे खालिद की जलकर मौत हो गई थी। उन दोनों के शव लाए गए। दोपहर करीब तीन बजे एक एंबुलेंस दोनों शव लेकर पहुंची। उनके स्वजन दिल्ली गए थे। बताया गया कि सड़क मार्ग से ही शवों को लाया गया। इधर, घटना के बाद से ही ग्रामीण हासिम व शब्बीर के घर के बाहर जमे थे। लोगों को सबेरे जैसे ही पता चला कि शवों को लाया जा रहा, कुछ युवक गांव के बाहर बाजार तक पहुंच गए थे।  

मृतक के स्वजन को मिला चेक

शवों के पहुंचने की सूचना पर एसडीओ अमन कुमार सुमन, बीडीओ मनोरमा देवी, सीओ संतोष कुमार, सांख्यिकी पदाधिकारी पवन कुमार ङ्क्षसह, मुखिया बबलू पासवान व लोजपा प्रखंड अध्यक्ष निरंजन ङ्क्षसह, मिथिलेश ङ्क्षसह पहुंचे थे। एसडीओ ने प्रक्रिया पूरी करने के बाद दोनों युवकों के स्वजन को मुख्यमंत्री सहायता कोष से एक-एक लाख का चेक प्रदान किया।  

मधुबनी पहुंचा साकिर का शव, शोक में डूबा मलमल गांव

दिल्ली अग्निकांड में मौत के आगोश में चले जाने वाले मो. साकिर का शव मंगलवार की देर शाम कलुआही के मलमल गांव पहुंचा। शव के पहुंचते ही दो दिनों से शोक में डूबा गांव उसे देखने उमड़ पड़ा। सभी के आंखों में आंसू थे। 

 एंबुलेंस से शव को लेकर बड़े भाई मो. जाकिर व गांव के कुछ लोग पहुंचे। बेसुध पड़ी पत्नी शाहिस्ता परवीन पति के शव को देख रोने लगी। बेटी आयशा व बेटा हुसेफा का भी बुरा हाल था। एक साल का अमीर हाजमा कुछ समझ नहीं पा रहा है। मगर, सच यही है कि उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। 

जवान बेटे की मौत मैमून खातून के लिए दुखों का पहाड़ लेकर आया है। दिल्ली में रिक्शा चलाकर जिंदगी की गाड़ी खींचने वाले मो. ताहिर ने बेटे के जनाजे को कंधा देते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा बोझ उठा रहे। यह देख वहां मौजूद हर एक आंसू रो पड़ा। मुंह से एक ही बात, कैसे चलेगा इन बच्चों व शाहिस्ता का जीवन। वहीं एक वह भी जो इस दुनिया में नहीं आया। साकिर जल्द ही चौथे बच्चे का पिता बनने वाला था। मगर, ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। 

पति को अंतिम बार देखने की जिद

असमय काल-कवलित हुए मो. जियाउर का शव लाने पत्नी नुसरत आज रोती-बिलखती दिल्ली के लिए रवाना हुई। उसके साथ पुत्र शैफुल, आरजू व 22 दिन की बेटी आयात भी है। हालांकि, जियाउर के ससुर अशफाक खान व बहनोई इम्तियाज भी नुसरत के साथ हैं। घर पर रोती-बिलखती व पक्षाघात की शिकार माता हैं। उनकी देखभाल जियाउर की छोटी बहन आजरा बानो कर रही है। जियाउर की मां के समक्ष जैसे ही कोई अजनबी पहुंचते हैं, वह फफक पड़ती है। जुबान से कोई स्पष्ट आवाज नहीं निकल पा रही है।

 वह बार-बार यहीं दोहराती हैं, या अल्लाह ये क्या कर दिया। भलनी गांव स्थित जियाउर के घर सांत्वना को जाने वालों का तांता लगा हुआ है। गांव के लोग, स्थानीय जनप्रतिनिधि व नेता भी लगातार पहुंच रहे हैं। सोमवार की शाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. शकील अहमद एवं मंगलवार को विधायक भावना झा ने अपने सहयोगियों के साथ जियाउर की मां से मिल उन्हें सांत्वना दी। विधायक ने अपने स्तर से आॢथक सहयोग का भी परिजनों को आश्वासन दिया। वहीं आग में बुरी तरह झुलसे भलनी निवासी मो. मोकीम को बेहतर इलाज हेतु अन्यत्र ले जाने की बात परिजनों द्वारा बताई जा रही है।  

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