मोतिहारी लाया गया नासिक से गिरफ्तार पूर्वी चंपारण जिले का कुख्यात कमरूद्दीन
15 वर्षो से फरार पूर्वी चंपारण के कुख्यात कमरूद्दीन अंसारी को मुबंई क्राइम ब्रांच से समन्वय स्थापित कर मोतिहारी पुलिस नासिक से गिरफ्तार कर मोतिहारी लाई। उसपर जिले के गोङ्क्षवदगंज हरिसिद्धि तुरकौलिया कोटवा पीपरा और नगर थाना में अपहरण लूट डकैती हत्या रंगदारी आम्र्स एक्ट के 21 मामले दर्ज हैं।
पूर्वी चंपारण, जागरण संवाददाता। कहते है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। अपराधी कितना भी शातिर हो, और अपराध को अंजाम देने के बाद देश के किसी भी कोने में छिपा हो, वह एक न एक दिन पुलिस के हत्थे जरूर चढ़ जाता है। जिले के कुख्यात कमरूद्दीन अंसारी पर यह बात स्पष्ट तौर पर लागू होती है। कभी इलाके में में आतंक का पर्याय रहे बदमाश कमरूद्दीन उर्फ ढोलकिया को मोतिहारी पुलिस महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तारी के बाद रविवार को विशेष सुरक्षा के बीच मोतिहारी लेकर पहुंची।
2002 में कोर्ट में पेशी के दौरान भाग निकला था :
कमरुद्दीन वर्ष 1997-98 में अपराध की दुनिया में आया था। वर्ष 2002 में कोर्ट में पेशी के दौरान पुलिस सुरक्षा को भेदकर भागने में सफल हो गया था। उसके बाद वह सुर्खियों में आया था। जिले में उसके अपराध का साम्राज्य वर्ष 2005 तक कायम रहा।
विभिन्न थानों में 21 मामले हैं दर्ज :
कमरुद्दीन को मोतिहारी लाए जाने के बाद पुलिस कप्तान नवीनचंद्र झा ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस को इनपुट मिली थी कि 15 वर्षो से फरार कमरूद्दीन महाराष्ट्र के नासिक में छुपा हुआ है। इसके बाद तकनीकी आधार पर सत्यापन किया गया। उसके पश्चात मुबंई क्राइम ब्रांच से समन्वय स्थापित कर कमरूद्दीन को गिरफ्तार कर लिया गया। उसपर जिले के गोङ्क्षवदगंज, हरिसिद्धि, तुरकौलिया, कोटवा, पीपरा और नगर थाना में अपहरण, लूट, डकैती, हत्या, रंगदारी, आम्र्स एक्ट के 21 मामले दर्ज हैं।
नासिक में पुरानी गाडिय़ों की खरीद- बिक्री का धंधा करता था :
एसपी ने बताया कि वह फिलहाल नासिक में रहकर पुरानी गाडिय़ों का खरीद बिक्री व टूर एंड ट्रैवेल्स एजेंसी का धंधा करता था। उसने नासिक की ही एक युवती से शादी की है। उससे तीन बेटियां हैं। कमरूद्दीन की गिरफ्तारी में तकनीकी सेल के प्रभारी मनीष कुमार, हरसिद्धि थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार, तकनीकी सेल के जवान कुमार चिरंजीवी, मुन्ना कुमार, नित्यानंद दुबे आदि शामिल थे।
सहयोगी जीतेंद्र ङ्क्षसह की हत्या के बाद मोतिहारी छोड़ा:
कमरूद्दीन पहले बाइक मिस्त्री था। बाद में फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी भी रहा, मगर फिर वह गलत रास्तों पर चल पड़ा। एक दौर वह भी आया जब उसके नाम मात्र से चंपारण व सीमांचल का इलाका भय से कांप जाता था। पहली बार गांव में मारपीट को लेकर केस में नाम आने के बाद कमरूद्दीन जेल गया। जेल से जमानत पर छूटकर आने के बाद भी वह सही दिशा में आगे नहीं बढ़ सका। वह लगातार रंगदारी, हत्या, लूट व अन्य कई संगीन वारदात को अंजाम देता रहा। इस क्रम में वह जेल भी गया व 2002 में कारा से न्यायालय में पेशी के दौरान फरार हो गया। इस मामले में उसके साथ ड्यूटी पर तैनात तीन सिपाहियों को भी जेल भेज दिया गया था। उसके सहयोगी जीतेंद्र ङ्क्षसह की हत्या के बाद से कमरूद्दीन मोतिहारी छोडकर भाग निकला था। इसी क्रम में उसने तुरकौलिया के ही एक व्यवसायी के पुत्र का अपहरण कर लिया। इस मामले में मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया था। फिर बाद में वह जमानत पर छूट गया और वहीं पुरानी गाडिय़ों की खरीद-बिक्री व टूर एंड ट्रैवेल्स एजेंसी चलाने लगा था।