ऑटो गार्बेज खरीद घोटाला : आरोपित जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कोर्ट ने मांगा साक्ष्य

मेयर सहित चार की अग्रिम जमानत अर्जी विशेष कोर्ट ने पहले ही कर दी है खारिज। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मेयर मेयर सहित दस के विरुद्ध दर्ज कराया था केस।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Mar 2019 09:06 PM (IST) Updated:Sat, 23 Mar 2019 09:06 PM (IST)
ऑटो गार्बेज खरीद घोटाला : आरोपित जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कोर्ट ने मांगा साक्ष्य
ऑटो गार्बेज खरीद घोटाला : आरोपित जूनियर इंजीनियर के खिलाफ कोर्ट ने मांगा साक्ष्य

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ऑटो गार्बेज खरीद घोटाला के आरोपित नगर निगम के जूनियर इंजीनियर भरतलाल चौधरी के खिलाफ निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से साक्ष्य (मेमो ऑफ एविडेंस) मांगा है। विशेष कोर्ट में उसकी अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख नौ अप्रैल मुकर्रर की है।

चार की जमानत अर्जी पहले ही हो चुकी खारिज

मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ. रंगनाथ चौधरी, रमेश प्रसाद रंजन व सहायक अभियंता महेंद्र सिंह की अग्रिम जमानत की अर्जी विशेष न्यायालय पहले ही खारिज कर चुकी है।

यह है मामला

वर्ष 2017 में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति ने शहर की सफाई के लिए 50 गार्बेज टिपर खरीदने का प्रस्ताव पारित किया था।  निगम की ओर से पिछले साल नौ सितंबर को टेंडर आमंत्रित किया गया। इसमें तीन फर्मों ने भाग लिया।

 माड़ीपुर के तिरहुत ऑटोमोबाइल, कुरुक्षेत्र हरियाणा के न्यू भारत इंजीनियरिंग सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड व पाटलिपुत्रा पटना के मे. मौर्या मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे। टेंडर में सबसे कम मूल्य दर्शाने वाले फर्म को दरकिनार कर मे. मौर्या मोटर्स को आपूर्ति का आदेश दिया गया। इसी के खिलाफ तिरहुत ऑटोमोबाइल के प्रोपराइटर की ओर से निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत की गई थी।

 जांच के बाद ब्यूरो ने प्रथम दृष्टया मामला सत्य पाने के बाद मेयर सुरेश कुमार, तत्कालीन नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद, तत्कालीन प्रभारी नगर आयुक्त और अपर समाहर्ता डॉ. रंगनाथ चौधरी सहित दस आरोपितों के खिलाफ निगरानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। 

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