आजादी के सत्तर साल बाद भी पद्मा छपकी सड़क का निर्माण नहीं, ग्रामीणों में भारी असंतोष

राजा पद्म सिंह डीह के समीप से नेपाल को जोड़ती है यह सड़क। भारत-नेपाल को जोडऩे वाली सड़क के पक्कीकरण को लेकर जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 02 May 2019 03:14 PM (IST) Updated:Thu, 02 May 2019 03:14 PM (IST)
आजादी के सत्तर साल बाद भी पद्मा छपकी सड़क का निर्माण नहीं, ग्रामीणों में भारी असंतोष
आजादी के सत्तर साल बाद भी पद्मा छपकी सड़क का निर्माण नहीं, ग्रामीणों में भारी असंतोष

मधुबनी, जेएनएन। जिले के लदनियां में आजादी के 70 साल गुजरने के बाद भी पद्मा गांव स्थित राजा पद्म सिंह डीह को पद्मा छपकी पीडब्ल्यूडी मुख्य सड़क से नहीं जोड़ा जा सका। जबकि उक्त सड़क मंसूरी मोहल्ले होते हुए इंडो-नेपाल सीमा को जोड़ती है। जिससे ग्रामीणों में भारी असंतोष है। ग्रामीणों का कहना है कि सूबे में विभिन्न योजनाओं से सड़कों की जाल बिछाई जा रही है। ग्रामीण सड़कों को पक्कीकरण कर मुख्य सड़क से जोड़ी जा रही है।

   जबकि पद्मा गांव में पीडब्ल्यूडी सड़क से मंसूरी मोहल्ले, ऐतिहासिक स्थल राजा पद्म सिंह होते हुए भारत नेपाल को जोडऩे वाली सड़क का पक्कीकरण करवाने के प्रति सांसद, विधायक, प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधि गंभीर नहीं है। सनद हो कि उक्त सड़क की लंबाई करीब दो किलोमीटर है। जो मंसूरी मोहल्ला, राजा पद्म सिंह के डीह होते हुए भारत-नेपाल सीमा को जोड़ती है। ग्रामीण कार्य विभाग या विधायक सांसद कोष से उक्त सड़क की निर्माण करवाने की बात दूर है। साधारण बारिश में ही मंसूरी मोहल्ले में सड़क पर कीचड़ होने से लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो जाता है।

   सीमा क्षेत्र विकास योजना मद से सीमावर्ती क्षेत्र में सड़कों का निर्माण प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री टोला संपर्क योजना मद से टोला के सड़क का निर्माण कर मुख्य सड़क से जोडऩा है। बिडंबना है कि प्रतिनिधि या प्रशासन इस सड़क का निर्माण करवाने के लिए अभिरुचि नहीं लेते है। जबकि ऐतिहासिक स्थल राजा पद्म सिंह के धरहरबाडीह को उद्धार के लिए स्थानीय लोगों द्वारा मांग उठते रहे हैं। इधर बीडीओ नवल किशोर ठाकुर का कहना है कि उक्त सड़क निर्माण के लिए सीमा क्षेत्र विकास योजना मद से प्रस्ताव पूर्व में ही भेजा जा चुका है।

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