थर्ड पार्ट की परीक्षा में पहले ही दिन जमकर कदाचार

स्नातक थर्ड पार्ट की परीक्षा के पहले ही दिन शुक्रवार को कदाचारमुक्त परीक्षा की पोल खुल गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 26 Oct 2019 02:01 AM (IST) Updated:Sat, 26 Oct 2019 06:33 AM (IST)
थर्ड पार्ट की परीक्षा में पहले ही दिन जमकर कदाचार
थर्ड पार्ट की परीक्षा में पहले ही दिन जमकर कदाचार

मुजफ्फरपुर। स्नातक थर्ड पार्ट की परीक्षा के पहले ही दिन शुक्रवार को कदाचारमुक्त परीक्षा की पोल खुल गई। बेतिया के रामलखन सिंह यादव महाविद्यालय (आरएलएसवाई) का एक वीडियो वायरल हुआ जिससे पता चलता है कि परीक्षा में नकल की खुली छूट रही। आलम यह था कि उक्त महाविद्यालय के फर्श पर ही बैठकर परीक्षा दी जा रही थी और परीक्षार्थी एक दूसरे से अपनी कॉपियां मिलान कर रहे थे। हैरत की बात रही कि इस कदर अनियमितता के बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारी या परीक्षा नियंत्रक तक किसी ने कुछ भी प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की। पहले दिन की परीक्षा का हश्र देखकर कदाचारमुक्त व निष्पक्ष परीक्षा का अंदाजा लग जाता है। विश्वविद्यालय के अंतर्गत विभिन्न जिलों के 31 केंद्रों पर पहले दिन सभी आनर्स विषयों की सामान्य ज्ञान (जीएस) की परीक्षा हुई। इसमें प्रथम पाली में साइंस व कॉमर्स तथा द्वितीय पाली में कला संकाय के छात्रों के लिए जीएस की परीक्षा ली गई। इसके बाद ऑनर्स विषयों की परीक्षा 5 से 14 नवंबर तक होने वाली परीक्षाओं का हश्र देखने वाला होगा। मुजफ्फरपुर के एलपी शाही डिग्री कॉलेज में प्रायोगिक परीक्षा में भी पैसे वसूलने का वायरल हुए एक वीडियो ने सनसनी फैला दी। इस वीडियो को देखकर परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने महाविद्यालय के प्राचार्य को जिम्मेवार बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। कहा कि प्रायोगिक परीक्षा के केंद्राधीक्षक महाविद्यालय के प्रधानाचार्य होते हैं, इसमें विश्वविद्यालय तब तक कुछ नहीं कर सकता जब तक कोई लिखित शिकायत साक्ष्य के साथ नहीं मिलता। एलएस कॉलेज में कदाचारमुक्त परीक्षा का दावा

एलएस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. एसके मुकुल ने अपने यहां निष्पक्ष एवं कदाचारमुक्त परीक्षा के दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि पहली पाली में 1100 तो दूसरी पाली में 2000 परीक्षार्थी उनके तीन केंद्रों-परीक्षा भवन, आर्ट्स ब्लॉक व साइंस ब्लॉक में थे। सभी जगहों पर घूम-घूमकर परीक्षा संचालन का पूरे दिन निरीक्षण करते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं हुआ। परीक्षा बिल्कुल शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। बेंच-डेस्क का ठिकाना नहीं, 4000 परीक्षार्थी

उधर, आरएलएसवाई में परीक्षा का हश्र देखकर दूसरे छात्रों ने जमकर हंगामा किया। प्राचार्य का घेराव कर पूछा कि इसके लिए जिम्मेवारों पर क्या कार्रवाई होगी? प्राचार्य निरुत्तर थे। उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षा संचालन की जो व्यवस्था उनके यहां है उसके तहत ही सबकुछ हुआ। मगर, उनके यहां परीक्षा की वायरल फोटो दिखाकर वे विद्यार्थी उनसे जवाब मांग रहे थे। वायरल वीडियो व तस्वीर में साफ दिख रहा है कि परीक्षार्थियों को नकल की खुली छूट मिली हुई है। इस केंद्र पर लगभग चार हजार छात्र-छात्राएं परीक्षा दे रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन लाचारी जाहिर करता है। क्योंकि, इतनी तादाद में परीक्षार्थियों के लिए उसके पास साधन-संसाधन ही पर्याप्त नहीं था। लिहाजा, बरामदे में फर्श पर ही परीक्षा ली गई।

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