जानिए क्यों वि‍श्वविद्यालय ने राजभवन को भेजी एडमिशन की अधूरी रिपोर्ट, क्‍या है पूरा मामला... Muzaffarpur News

राजभवन को भेजनी थी स्नातक पार्ट वन की प्रवेश संबंधी रिपोर्ट। 59 कॉलेजों में 35 कॉलेजों ने भेजी जानकारी। कॉलेजों की मनमानी के आगे विवश बीआए बिहार विश्‍विद्यालय।

By Murari KumarEdited By: Publish:Fri, 29 Nov 2019 08:24 AM (IST) Updated:Fri, 29 Nov 2019 08:24 AM (IST)
जानिए क्यों वि‍श्वविद्यालय ने राजभवन को भेजी एडमिशन की अधूरी रिपोर्ट, क्‍या है पूरा मामला... Muzaffarpur News
जानिए क्यों वि‍श्वविद्यालय ने राजभवन को भेजी एडमिशन की अधूरी रिपोर्ट, क्‍या है पूरा मामला... Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कॉलेजों की मनमानी के आगे विवि विवश हो गया है। हैरत की बात यह रही कि स्नातक पार्ट वन की प्रवेश संबंधी रिपोर्ट भी राजभवन को अधूरी भेजनी पड़ी। यही नहीं, अब यूएमआइएस के तहत ऑनलाइन सिस्टम चालू करने की योजना भी खटाई में पड़ गई है। 

राजभवन ने इन बिंदुओं पर मांगी थी रिपोर्ट 

विवि के तहत अंगीभूत कॉलेजों में कुल स्वीकृत सीटें। कॉलेज वार संकाय व सीटों के विरुद्ध स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश छात्र छात्राओं की संख्या कितनी है। रजिस्ट्रेशन के लिए क्या प्रक्रिया चल रही है। 

और कॉलेजों ने स्वीकृत सीटों की संख्या नहीं भेजी 

विवि ने निर्देश दिए थे कि 30 अक्टूबर तक सभी डिग्री कॉलेज कुल विषय वार प्रवेश की संख्या, स्वीकृत सीटों की संख्या समेत अन्य ब्योरा भेजे। लेकिन, किसी कॉलेज ने स्वीकृत सीटों की संख्या की जानकारी विवि को अपनी रिपोर्ट में नहीं भेजी। विवि को स्नातक प्रथम वर्ष में ऑनलाइन प्रवेश के समय छात्रों को जो रजिस्ट्रेशन नंबर दिया था, उसी से काम चलाया गया। 

59 कॉलेजों में 35 कॉलेजों ने भेजी जानकारी 

विवि के तहत 42 अंगीभूत कॉलेजों व 17 सम्बद्ध कॉलेज है जिसमें 35 ने अधूरी रिपोर्ट भेजी है। 

... तो खुल जाएगी पोल 

कॉलेजों में कई तरह की अनियमितताएं की जाती हैं। स्वीकृत सीटों की संख्या बताने व प्रवेश संख्या की जानकारी देने पर गड़बड़ी उजागर हो जाएगी। बैक डेट से प्रवेश नहीं कॉलेज में हो पाएंगे। मनमानी फीस वसूली नहीं हो पाएगी। 

विवि का आदेश ताक पर 

हद तो यह हो गई कि कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष का रजिस्ट्रेशन भी हो रहा है। जबकि, विवि में ही ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होना था। इस सिस्टम को मैनुअल बनाने पर कॉलेज आमादा है। जबकि, यूएमआइएस से छात्रों को बहुत राहत मिलती। लेकिन, सिस्टम को बंद कराने की साजिश है। काम ही नहीं होने दे रहे हैं। 

इस बारे में बीआरए बिहार विवि के कुलसचिव कर्नल अजय कुमार राय ने कहा कि 'राजभवन को अधूरी रिपोर्ट जाने की बात चिंताजनक है। इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की जाएगी। जहां तक कॉलेजों की मनमानी का सवाल है, तो उन पर अंकुश लगाने पर विचार होगा।Ó

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