पूर्वी चंपारण में निजी प्रतिष्ठान में बम विस्फोट, बाल-बाल बचे रालोसपा नेता EastChamparan News

पूर्वी चंपारण के जगदंबा इंटरप्राइजेज नामक निजी प्रतिष्ठान के कार्यालय पर सोमवार रात करीब 930 बजे बदमाशों ने बम विस्फोट किया। पुलिस ने ब्लास्ट बम का अवशेष बरामद किया है।

By Murari KumarEdited By: Publish:Tue, 10 Dec 2019 10:45 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 10:45 PM (IST)
पूर्वी चंपारण में निजी प्रतिष्ठान में बम विस्फोट, बाल-बाल बचे रालोसपा नेता EastChamparan News
पूर्वी चंपारण में निजी प्रतिष्ठान में बम विस्फोट, बाल-बाल बचे रालोसपा नेता EastChamparan News

पूर्वी चंपारण, जेएनएन। मेहसी बस स्टैंड जैसे अति व्यस्त इलाके में स्थित जगदंबा इंटरप्राइजेज नामक निजी प्रतिष्ठान के कार्यालय पर सोमवार रात करीब 9:30 बजे बदमाशों ने बम विस्फोट किया। इस बीच गेट पर एक राउंड गोली भी चलाई गई। इससे उसमें सुराख हो गया। बदमाश राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के जिला सचिव व रालोसपा के जिला नेता अशोक कुमार सुमन उर्फ मुन्ना यादव को मारने की नीयत से आए थे। इस बीच बढ़ती भीड़ को देख बदमाश भागने में सफल रहे।

 घटना के वक्त कार्यालय में मुन्ना यादव, उनका व्यावसायिक सहयोगी लालबाबू साह, सहकर्मी सहदेव साह व छठू राय मौजूद थे। गेट बंद होने के कारण सभी लोग बाल-बाल बच गए। घटना के बाद थानाध्यक्ष अवनीश कुमार के नेतृत्व में मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से एक बम, एक पिलेट, भारी मात्रा में ब्लास्ट बम का अवशेष बरामद किया है।

 घटना के संदर्भ में मेहसी के डगराहां निवासी लालबाबू साह ने इस मामले में रामपुरवा निवासी भूषण ङ्क्षसह व घरियारीचक निवासी रमेश ङ्क्षसह को आरोपित करते हुए मेहसी थाने में कांड अंकित कराया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। घटना की पुष्टि करते हुए थानाध्यक्ष अवनीश कुमार ने बताया कि इसमें से एक  रमेश कुमार ङ्क्षसह पूर्व में आम्र्स एक्ट का भी आरोपित है।

 बताया जाता है कि रालोसपा नेता मुन्ना यादव व लालबाबू साह दोनों संयुक्त रूप से जगदंबा इंटरप्राइजेज के बैनर तले गल्ले का थोक व्यवसाय करते हैं। मुन्ना का राजनीतिक रसूख भी है। यह घटना उस समय घटित हुई जब दोनों अपने सहयोगियों के साथ हिसाब-किताब कर रहे रहे थे। इधर, दूसरी तरफ इस कांड के मुख्य आरोपित व्यापार मंडल अध्यक्ष सह पैक्स प्रत्याशी भूषण ङ्क्षसह ने बताया कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाया गया है। विरोधियों की मंशा उनके चुनाव को प्रभावित करना है, जिसमें वे सफल नहीं होंगे।

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