भाजपा ने कहा-जनता अब वंशवाद को सिखाएगी सबक, प्रियंका के आने से नहीं सुधरेगी कांग्रेस की सेहत

वंशवाद के विरूद्ध जनभावना की धार अब नहीं होगी कुंद, लोकसभा चुनाव का अहम मुद्दा वंशवाद बनाम विकासवाद भी होगी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 04:08 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 04:45 PM (IST)
भाजपा ने कहा-जनता अब वंशवाद को सिखाएगी सबक, प्रियंका के आने से नहीं सुधरेगी कांग्रेस की सेहत
भाजपा ने कहा-जनता अब वंशवाद को सिखाएगी सबक, प्रियंका के आने से नहीं सुधरेगी कांग्रेस की सेहत

मधुबनी, जेएनएन। प्रियंका गांधी वाड्रा के सक्रिय राजनीति में आने से भी कांग्रेस की सेहत सुधरने वाली नहीं है। प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने को कांग्रेस भले ही तुरुप का इक्का व कांग्रेस परिवार की डूबती नैया पार लगाने वाला तारणहार अवतरित होना मान रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि प्रियंका कांग्रेस के लिए तुरुप का पत्ता तो दूर, डूबते हुए को तिनके का सहारा के बराबर भी राजनीति में साबित नहीं होने वाली है। वंशवाद के खिलाफ बनी जनभावना की धार किसी भी स्थिति में अब प्रियंका कुंद नहीं कर पाएगी।

    लोकसभा चुनाव वंशवाद बनाम विकासवाद की होगी। उक्त बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आनंद कुमार झा ने कही। उन्होंने प्रियंका के राजनीतिक कैरियर के प्रारंभ पर तंज कसते हुए कहा कि जिसने राजनीतिक क्षेत्र ही नहीं जीवन के किसी भी क्षेत्र में कभी कोई उपलब्धि हासिल न की हो, वह कांग्रेस के लिए आखिर तुरुप का पत्ता कैसे साबित हो सकती है? कांग्रेस में प्रियंका की इंट्री सीधे राष्ट्रीय महासचिव से कराने पर भी तंज कसा। कहा कि अब सोनिया व राहुल के साथ-साथ प्रियंका भी कांग्रेस पार्टी चलाएगी, पहले भी यही तीनों चलाते थे।

   लेकिन अब सबके पास अधिकारिक तौर पर पार्टी में महत्वपूर्ण पद है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता आनंद कुमार झा ने सवालिया लहजे में कहा कि यह स्थिति आखिर वंशवाद नहीं तो क्या है? प्रियंका आखिर राजनीति से दूर ही कब थीं, जो राजनीति में इंट्री कहा जाए? भले ही वह स्वयं कभी कोई चुनाव नहीं लड़ी या पार्टी के किसी पद पर नहीं रहीं, लेकिन वह यूपी में 2004 के बाद से ही हर चुनाव में कांग्रेस की रणनीति बनाने, उम्मीदवारों के चयन आदि में पर्दे के पीछे से महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है।

   उन चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन प्रियंका की राजनीतिक योग्यता बताने के लिए काफी है। सक्रिय राजनीति में प्रियंका के इंट्री के बाद भी देश की जनता कांग्रेस को नकारती ही रहेगी। केवल प्रियंका के शामिल होने से ही कांग्रेस की नीतियों व दशा-दिशा में बदलाव आने वाला नहीं है। जिस कारण अब किसी भी सूरत में देश में कांग्रेस की स्वीकार्यता कतई नहीं बढ़ेगी। देश की जनता विकासवाद को गले लगाएगी तथा वंशवाद को सबक सिखाने का काम करेगी।

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