Bihar Politics: नई सरकार में मुजफ्फरपुर के इन नेताओं की लग सकती है लाटरी, बढ़ सकता है जिले का प्रतिनिधित्व

Bihar Politics एनडीए सरकार में जिला से थे एक मंत्री नए मंत्रिमंडल में तीन से चार चेहरे हो सकते शामिल। राजद से दो तो जदयू और कांग्रेस से एक-एक को मिल सकती है कैबिनेट में जगह। मंत्रिमंडल गठन के नए फार्मूले से जगी उम्मीद।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Wed, 10 Aug 2022 09:28 AM (IST) Updated:Wed, 10 Aug 2022 09:28 AM (IST)
Bihar Politics: नई सरकार में मुजफ्फरपुर के इन नेताओं की लग सकती है लाटरी, बढ़ सकता है जिले का प्रतिनिधित्व
नई सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व पहले के कई वर्षों की तुलना में बढ़ सकती है। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, [प्रेम शंकर मिश्रा]। राज्य में नई सरकार के गठन का खाका बन गया है। इस खाके ने जिले की उम्मीद बढ़ा दी है। पांच विधायकों पर एक मंत्री पद के फार्मूले की बात कही जा रही है। ऐसे में जिले में तीन से चार चेहरे मंत्री पद के दावेदार के रूप में शामिल हो गए हैं। जबकि एनडीए सरकार में जिले में मात्र एक प्रतिनिधित्व रामसूरत कुमार के रूप में मिला था।

राजद का माय समीकरण

बात सबसे पहले राजद की। जिले में राजद के पांच विधायक हैं। इसके अलावा एक विधान पार्षद मो. कारी सोहैब हैं। नए मंत्रिमंडल में कारी शोऐब का नाम तेजस्वी यादव के करीबी होने के कारण युवा चेहरे के रूप में सामने आ रहा है। उनके पिता कारी नसीम अहमद भी लालू प्रसाद के करीबी थे। विधान पार्षद पद के लिए सोहैब तेजस्वी की पसंद थे। ऐसे में उनके नाम पर सहमति तय मानी जा रही है। इसके अलावा राजद अपने माय समीकरण के तहत दूसरा चेहरा यादव के रूप में रखना चाहेगा। ऐसे में मीनापुर विधायक राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव और गायघाट विधायक निरंजन राय में से एक को शामिल किया जा सकता है। मुन्ना यादव लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। इसलिए उनका भी दावा बन रहा। वहीं निरंजन राय स्वच्छ छवि के कारण भी अपनी दावेदारी रख सकते हैं। पहले वह जदयू में थे। इस कारण उनकी नीतीश कुमार से भी बेहतर संबंध रहे हैं।

जदयू के इकलौते विधायक

महागठबंधन के मुख्य घटक के रूप में जदयू का जिले में एकमात्र प्रतिनिधित्व सकरा विधायक अशोक चौधरी हैं। जिले में पिछले दो मंत्रिमंडल में यहां से जदयू का कोई प्रतिनिधित्व नहीं रहा। ऐसे में दलित चेहरा के रूप में अशोक चौधरी की दावेदारी बन रही है। इसके अलावा स्थानीय निकाय से विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह को राजनीति की अंतिम पारी में यह सौगात मिल सकती है। इसके अलावा कांग्रेस की ओर से एकमात्र दावेदारी नगर विधायक विजेंद्र चौधरी के रूप में हो सकती है। कांग्रेस से वह अतिपिछड़ा चेहरा हैं। वर्षों बाद जिले में कांग्रेस को एक सीट विजेंद्र के रूप में मिली है। इस दायरे को बढ़ाने के लिए उनके नाम का चयन कांग्रेस कर सकती है। इस तरह राजद अगर यहां से दो और जदयू एवं कांग्रेस एक-एक चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह देती है तो नई सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व पहले के कई वर्षों की तुलना में बढ़ सकती है।  

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