Bihar Chunav: वर्तमान राजनीतिक स्थित‍ि को देखने के बाद मन हो रहा दुखी, कैसे होगा समाज का विकास

Bihar Chunav 2020 पहले के चुनाव में आम जनता का भरोसा नेता पर होता था। राजनीति की निष्ठा में वे समर्पित होते थे। लेकिन आज नेता चुनावी सभा में अधिकतर झूठे वादे करते हैं। पहले जात -पात की राजनीति नहीं होती थी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Nov 2020 11:43 AM (IST) Updated:Sun, 01 Nov 2020 11:43 AM (IST)
Bihar Chunav: वर्तमान राजनीतिक स्थित‍ि को देखने के बाद मन हो रहा दुखी, कैसे होगा समाज का विकास
80 वर्ष पार चुके लोगों को अब भी उम्मीद है क‍ि देश बेहतर बनेगा।

दरभंगा, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही ङ्क्षकग मेकर सक्रिय होने लगे हैं। समाज का हर वर्ग लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी सहभागिता को लेकर काफी उत्सुक है। सात नवंबर को होने वाले मतदान के उस पल का इंतजार कर रहे हैं। जब वे बिहार के प्रधान को चुनने के लिए एवीएम का बटन दबाएंगे। युवाओं के साथ -साथ बुजुर्गों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र में कुछ ऐसे भी बुजुर्ग मतदाता हैं, जो प्रथम चुनाव से लेकर अब तक के गवाह बने हैं। वहीं केवटी प्रखंड में 4281 ऐसे बुजुर्ग मतदाता हैं। जो अपने 80 के वसंत पार कर चुके हैं। ये मतदाता बैलगाड़ी से लेकर पैदल तक मत देने का अनुभव रखते हैं। उन्होंने बैलेट से लेकर इवीएम तक का सफर तय किया है। बदलते समय के अनुसार राजनीति में निष्ठा एवं ईमानदारी किस तरह करवटें बदलती रही हैं। इन्होंने अपनी आंखों से देखी है। 

रनवे गांव की 85 वर्षीय कमला देवी कहती हैं- मैं अब भी उम्र के इस पड़ाव में निराश नहीं हूं। वर्तमान राजनीतिक परि²श्य से ङ्क्षचतित हूं। अच्छे राजनेताओं का भी समय आता है। मतदान हीं नागरिक की असली पहचान है। पता चला कि घर बैठे बैलेट पेपर के माध्यम से वोटिंग होगी। यह बेहद बेहतर है।

लाधा गांव के नारायण दास कहते हैं कि पहले के चुनाव में आम जनता का भरोसा नेता पर होता था। राजनीति की निष्ठा में वे समर्पित होते थे। लेकिन आज नेता चुनावी सभा में अधिकतर झूठे वादे करते हैं। पहले जात -पात की राजनीति नहीं होती थी। हालांकि मतदान की शैली बदलने से भ्रष्टाचार जरूर कम हुआ है।

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