BIGG BOSS पेड हॉलीडे से अधिक कुछ भी नहीं, जानें भजन सम्राट अनूप जलोटा ने और क्या कहा Muzaffarpur News

बोले- बिग बॉस के दौरान काम व गायन से मुक्ति मिली थी। पूरी तरह से आराम व मनोरंजन किया। आज आपके बीच फिर वही गायक अनूप जलोटा हाजिर है।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Thu, 03 Oct 2019 01:43 PM (IST) Updated:Thu, 03 Oct 2019 01:43 PM (IST)
BIGG BOSS पेड हॉलीडे से अधिक कुछ भी नहीं, जानें भजन सम्राट अनूप जलोटा ने और क्या कहा Muzaffarpur News
BIGG BOSS पेड हॉलीडे से अधिक कुछ भी नहीं, जानें भजन सम्राट अनूप जलोटा ने और क्या कहा Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बिग बॉस-12 के दौरान जसलीन मथारू के साथ अपने संबंधों को लेकर चर्चा में अाए भजन सम्राट अनूप जलोटा ने कई खुलासे किए। उन्होंने कहा कि मेरे लिए बिग बॉस एक माह का पेड हॉलीडे की तरह था। इस दौरान मुझे रोज के काम व गायन से ब्रेक लेने का मौका मिल गया था। मैंने पूरी तरह से आराम किया। उस पल का आनंद उठाया। आज आपके बीच फिर वही गायक अनूप जलोटा हाजिर है। अपने और जसलीन के बीच के संबंध और उसको लेकर सोशल मीडिया पर चली टीका-टिप्पणी के बारे में उन्होंने कहा कि वह एक मनोरंजन था। उसको एक सिनेमा मानें। इससे अधिक कुछ भी नहीं।

उर्दू में गीता सुनाएंगे

भजन गायकी में अपनी पहचान बना चुके प्रसिद्ध गायक अनूप जलोटा अब जल्द ही उर्दू में गीता सुनाएंगे। इंतजार है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उनके संग्रह के लोकार्पण का। गोपालगंज जाने के क्रम में शहर पहुंचे गायक अनूप जलोटा ने ये जानकारी दी। बताया कि उर्दू में जो गीता वह सुनाने जा रहे हैं उसमें 1500 शायरी को समाहित किया गया है। शायद उसको भी लोग सुनने के बाद लंबे समय तक याद रखेंगे।

उत्तर बिहार होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मो.जुनैद खान, बाल अधिकार कार्यकर्ता आनंद कुमार उर्फ सोनू सिंह, पंकज पटवारी, आशुतोष पांडेय, अविनाश तिरंगा आदि ने जलोटा के साथ गायिका नीताशा अग्रवाल को बुके देकर सम्मानित किया।

रिमिक्स मेहमान की तरह

पारंपरिक गीत-संगीत अजर-अमर हैं। उसपर किसी भी पश्चिमी संगीत या फिर रिमिक्स का कोई प्रभाव नहीं पडऩे वाला। वह मेहमान की तरह होता है। जिस तरह से मेहमान ज्यादा दिन तक आपके घर में नहीं रहते वह भी नहीं टिकता। टिकते हैं तो अपने पुराने शास्त्रीय या पारंपरिक लोकगीत व संगीत। आज भी ऐसी लागी लगन.. वाला भजन सबकी जुबान पर है। जलोटा ने कहा कि बिहार के लोकगीत बेजोड़ हैं। उनका जवाब नहीं है। आज लोक गायिका पदमभूषण शारदा सिन्हा के गीत सिने जगत में छाए रहते हैं। मोतिहारी में आयोजित चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव में उनको जो सम्मान मिला आज भी याद है। इसकी चर्चा वह करते रहते हैं। बिहार के श्रोता और सत्कार के वह कायल हैं। जब भी बुलावा आता अवश्य आते हैं।

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