बीएड शिक्षकों का डिस्टेंस पर धरना प्रदर्शन
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्रों की तरह उन बीएड में नामांकित प्रशिक्षु शिक्षकों की नौकरी भी डिग्री के अभाव में खतरे में पड़ती दिख रही है।
मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के छात्रों की तरह उन बीएड में नामांकित प्रशिक्षु शिक्षकों की नौकरी भी डिग्री के अभाव में खतरे में पड़ती दिख रही है। ये शिक्षक बीएड की डिग्री हासिल कर प्रमोशन पा सकते हैं। लेकिन, यहां तो नौकरी पर ही बन आई है। इसी बात को लेकर इन लोगों ने गुरुवार को फिर आंदोलन किया। विश्वविद्यालय में हंगामे के बीच दूरस्थ शिक्षा निदेशालय पर इन लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया। इनका नेतृत्व कर रहे एनएसयूआइ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष आसिफ इकबाल ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा से बीएड करने वाले ऐसे छात्रों का डेढ़ साल बाद परीक्षा तो दूर फॉर्म भी नहीं भरा जा सका है। अगर 2019 तक इन्हें बीएड की डिग्री नहीं मिल पाई तो इनकी नौकरी भी जाएगी। ये शिक्षक विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत हैं।
1500 प्रशिक्षुओं का नहीं भरा जा रहा फॉर्म : दूरस्थ शिक्षा निदेशालय मुजफ्फरपुर के अंतर्गत सत्र 2014-17, 2015-17 एवं सत्र 2016-18 में कुल 1500 शिक्षकों का नामांकन सीईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण होने के उपरांत लिया गया। परंतु जब परीक्षा कराने की बारी आई तो डिस्टेंस के निदेशक एवं कुलपति द्वारा कहा जा रहा कि राजभवन से बीएड ओडीसी कोर्स का रेगुलेशन एवं ऑर्डिनेंस पास होने के उपरांत ही परीक्षा ली जाएगी।
ये हैं मांगें : यथाशीघ्र राजभवन से बीएड कोर्सो का रेगुलेशन पास कराकर परीक्षा ली जाए।
-31 मार्च, 2019 से पहले बीएड का रिजल्ट प्रकाशित किया जाए, ताकि अपनी नौकरी बचा सकें।
धरना में ये भी रहे शामिल : सुनील कुमार, मिकी कुमारी, पूनम कुमारी, रवि राज, मनीष कुमार, पूनम कुमारी, रविरंजन कुमार, अब्दुल, अमित कुमार सिंह, संतोष कुमार, अभिषेक कुमार, विवेक कुमार, संजय पंडित, ललन कुमार, गोविंद कुमार, राकेश कुमार आदि उपस्थित थे।