शिकारियों के जाल में फंसा भालू, घंटों मशक्कत के बाद बची जान

भालूओं पर है शिकारियों की नजर, गन्ने के खेत में लगाया था जाल। कड़ी मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने किया रेस्क्यू, इलाज जारी।

By Ajit KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Jan 2019 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jan 2019 10:09 PM (IST)
शिकारियों के जाल में फंसा भालू, घंटों मशक्कत के बाद बची जान
शिकारियों के जाल में फंसा भालू, घंटों मशक्कत के बाद बची जान

बगहा, जेएनएन। वाल्मीकि टाईगर रिजर्व के चिउटाहां वन क्षेत्र स्थित हथुअनवा गांव के समीप जंगली जानवरों के शिकार के लिए लगाए गए एक जाल में सोमवार की रात बड़ा भालू फंस गया। मंगलवार की दोपहर नियमित गश्त पर निकले वनकर्मियों की नजर जब भालू पर पड़ी तबतक वह जाल से छूटने की कोशिश में लहुलुहान हो चुका था।

 वनकर्मियों ने घटना की सूचना तत्काल रेंजर रमेश कुमार श्रीवास्तव को दी। श्री श्रीवास्तव ने अधिकारियों को सूचित किया। तदुपरांत गोवर्धना वन क्षेत्र से रेस्क्यू वाहन के साथ आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। डीएफओ अभिषेक कुमार व दो एसीएफ की देखरेख में वन कर्मियों ने भालू को जाल से छुड़ाने की कोशिश की। लेकिन तबतक वह जाल समेत जंगल की ओर भागने का प्रयास करने लगा।

 इस दौरान वह गंभीर रूप से जख्मी हो चुका था। आखिरकार ट्रेक्यूलाइजर गन से भालू को बेहोश किया गया। इसके उपरांत डा. डी के नीरज की देखरेख में भालू का इलाज शुरु हुआ। भालू को फिलहाल गोवर्धना ले जाया गया है। जहां चिकित्सकों की देखरेख में इलाज चल रहा है। डीएफओ अभिषेक कुमार ने बताया कि भालू के कई दांत जाल काटने के दौरान टूट गए हैं।

 स्वस्थ होने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू के बाद अब शिकारियों की धरपकड़ के लिए अभियान शुरु किया गया है। बता दें कि इससे पूर्व बीते वर्ष 26 नवंबर को रघिया वन क्षेत्र में शिकारियों के जाल में एक शावक भालू फंस गया था। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद जाल से निकालकर जंगल में छोड़ दिया गया था।

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