बंगरा घाट पुल साबित होगा वरदान

सीएम नीतीश कुमार द्वारा बंगरा घाट पुल का उद्घाटन किए जाने से प्रखंड के लोगों में हर्ष है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 01:04 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 01:16 AM (IST)
बंगरा घाट पुल साबित होगा वरदान
बंगरा घाट पुल साबित होगा वरदान

मुजफ्फरपुर : सीएम नीतीश कुमार द्वारा बंगरा घाट पुल का उद्घाटन किए जाने से प्रखंड के लोगों में हर्ष है। कार्यक्रम के दौरान नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे पंडाल में गूंज उठे। प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि बंगरा घाट पुल चालू होने से साहेबगंज के लोगों को व्यवसाय विस्तार का मौका मिलेगा। प्रमुख पति लाल मोहम्मद का कहना है कि बंगरा घाट पुल से अब सारण ,चंपारण तथा मुजफ्फरपुर की दूरी बहुत कम हो चुकी है तथा आवागमन काफी सहज हो जाएगा। आशमोहम्मद खां ने बताया कि बंगरा घाट पुल करने के लिए नाव ही सहारा था तथा जोखिम भरी यात्रा से लोग मुक्त हो गए। सुरेश सहनी ने कहा बंगरा घाट पुल साहेबगंज वासियों के लिए वरदान साबित होगा। मौके पर पूर्व मंत्री रामविचार राय, सासद डॉ. आलोक कुमार सुमन, विधायक मिथिलेश तिवारी, एमएलसी उदितनारायण तिवारी, पूर्व विधायक मंजीत सिंह तथा मुजफ्फरपुर एवं गोपालगंज के डीएम तथा एसएसपी मौजूद थे।

राजद नेताओं ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

जिला राजद के अध्यक्ष रमेश गुप्ता व प्रधान महासचिव निरंजन राय ने संयुक्त रूप से साहेबगंज व पारू विधानसभा अंतर्गत साहेबगंज, पारू एवं सरैया प्रखंडों में पूर्व मंत्री एवं साहेबगंज विधायक रामविचार राय एवं राजद नेता शकर प्रसाद यादव के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। जिलाध्यक्ष ने कहा बाढ़ के कारण स्थिति भयावह है। बाढ़ के पानी से लोगों का घर- बार नष्ट हो गया है। किसानों के धान की फसल नष्ट हो गई। प्रतिदिन बाढ़ के पानी में लोग डूब कर मर रहे हैं। नाव का घोर अभाव है। त्रिपाल, प्लास्टिक एवं राशन की भारी कमी है। लोग परेशान एवं बदहाल जीवन जीने को विवश हैं। सरकार पूरी तरह फेल है। जनता के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं। सीएम चुनाव कराने को लेकर आमादा है। इनका पूर तंत्र चुनावी कार्य में व्यस्त है और यहा जनता त्रस्त है। उन्होंने सरकार से मुजफ्फरपुर जिले को बाढ़ प्रभावित जिला घोषित करने की मांग की। पूर्व मंत्री सह विधायक रामविचार राय ने कहा कि साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र पूर्णत: बाढ़ से डूबा है। यहा किसी को भी राशन और 6000 रुपये नहीं मिला। प्रधान महासचिव निरंजन राय ने कहा कि कोरोना महामारी को फैले हुए पांच महीने से अधिक हो गए, लेकिन सरकार इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं कर सकी। उन्होंने वर्तमान बाढ़ पीड़ितों की सूची के आधार पर राहत व छह हजार रुपये पीड़ितों को देने की मांग की।

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